एक समय के बाद में माता-पिता को अपने बच्चों के साथ नहीं सोना चाहिए? जानिए क्या है कारण

सभी माता-पिता अपने बच्चों का बहुत अच्छे से ख्याल रखते हैं बहुत से माता-पिता तो ऐसे होते हैं कि अपने बच्चों को कभी अकेला छोड़ दे ही नहीं है हमेशा वह अपने आसपास बच्चों को देखना पसंद करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत माता-पिता को बहुत नुकसानदायक बना सकती है क्योंकि बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए यह बहुत गलत हो सकती है एक समय ऐसा होता है कि उसके बाद सभी माता-पिता को अपने बच्चों के साथ में बेड शेयर नहीं करना चाहिए इसके पीछे का क्या है कारण हम आपको बताते हैं कि आखिर माता-पिता को अपने बच्चों के साथ में क्यों नहीं सोना चाहिए इस से क्या नुक्सान आप को झेलना पड़ सकता है और इस पर एक्सपर्ट की राय क्या कहती है।

पेरेंटिंग टिप्स

हर माता-पिता को अपने बच्चों के साथ में एक उम्र के बाद में बेड शेयर करना सही नहीं होता है। एक समय ऐसा होता है कि अपने बच्चों के साथ बेड को माता-पिता को अलग कर देना चाहिए। इससे माता पिता और बच्चे दोनों को ही फायदा होगा। 

एक रिपोर्ट के अनुसार बच्चे अगर माता-पिता के साथ बेड पर एक साथ सोते हैं।  इसमें बच्चों में कई तरह की समस्या आती है। जिसमें कि वह मोटापा, थकान, एक्टिव कम होना, यादाश्त कमजोर होना जैसी समस्याओं से गिर जाते हैं। वही अधिक उम्र तक बच्चे अगर मां-बाप के साथ सोते हैं। उनके माता-पिता में लड़ाई झगड़े तनाव और डिवोर्स की स्थिति भी देखने को मिल सकती है।

एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार प्री प्यूबर्टी के दौरान आप को बच्चों के साथ नहीं सोना चाहिए। प्री प्यूबर्टी का अर्थ होता है जब आपके बच्चे का शारीरिक विकास बढ़ने लग जाए तो उस स्थिति में आपको अपने बच्चों को अपने पास सुनाना बंद कर देना चाहिए।

प्यूबर्टी फेस ऐसा होता है, जिसमें लड़की की उम्र 11 साल और लड़के की उम्र 12 साल से बढ़नी शुरू हो जाती है। अर्थात इस उम्र में लड़के और लड़की के हारमोंस में और उनके शरीर में बदलाव शुरू हो जाते हैं। हालांकि आज के समय में अगर देखा जाए तो प्यूबर्टी 8 साल से लेकर 13 साल की उम्र में होना शुरू साधारण सी बात है। वहीं लड़कों में यह 9 से 14 साल की उम्र में शुरू होने लग जाती है।

प्यूबर्टी के दौरान बच्चों के शरीर में कई तरह के बदलाव आप खुद देख पाएंगे। ऐसे में अगर आप उनके साथ सोते हैं तो उनको थोड़ा अनकंफरटेबल महसूस हो सकता है। जरूरी नहीं है कि आप अपने बच्चों को ज्यादा स्पेस दें। लेकिन आप उनसे बेड को लेकर दूरी बनाना शुरु कर दे। रात को सोते समय उनके पास ना सोए। उनको स्पेस देना भी जरूरी है।

आप अपने बच्चे के साथ में सोते हैं तो आपको इस बात का भी खास ख्याल रखना चाहिए कि आपके बच्चे को पूरे दिन भर मे आराम मिला हो।

एक्सपर्ट का मानना है कि नींद से जुड़ी हुई सबकी अलग-अलग तरह की जरूरतें होती है कई बार जब नींद आने लगती है तो आपको और आपके बच्चे को कई तरह की परेशानी हो सकती है।

अगर आपका बच्चा समय पर नहीं सो रहा है या फिर आपके साथ सोने की जिद कर रहा है तो आप उसको एक बार सही से सुला दे। उसके बाद आप दूसरे बिस्तर पर जाकर सो जाएं ध्यान रहे कि उसको नींद आने में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो।

प्यूबर्टी के दौरान आपका बच्चा अगर आपके साथ सोने की ही जिद करता है तो धीरे-धीरे आप उसको अपने रूम में ही अलग बिस्तर पर सुलाने की आदत डालें। जब वह अलग सोने लग जाए। उसके बाद आप उसको दूसरे रुम में शिफ्ट कर सकते हैं। इस तरह से आप अपने बच्चे के साथ थोड़ी दूरी बना सकते है।

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