3 राज्यों में हार से निराश हैं सोनिया गांधी, सांसदों से बोलीं- जीत दिलाएगा हमारा धैर्य

कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मिली हार पर निराशा जताई है. उन्होंने कहा कि तीन राज्यों में मिली हार से हम बेहद निराश हैं. हम भारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं लेकिन हमें विश्वास है कि हमारा धैर्य, हमें सफलता दिलाएगा. सोनिया गांधी ने कहा कि हमारी विचारधारा और मूल्य हमारे मार्गदर्शक हैं.

उन्होंने कहा कि कुछ महीने में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. पार्टी के और विपक्षी गठबंधन INDIA के सदस्य के तौर पर हमें कड़ी मेहनत करना है. कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया ने कहा कि विविधता भारत की ताकत है. बीजेपी ने एकता की इस भावना को प्लानिंग के तहत कमजोर किया है. हमें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपनी निराशा को सकारात्मक दिशा में ले जाना होगा.

जम्मू-कश्मीर को दिया जाए पूर्ण राज्य का दर्जा

सोनिया गांधी ने कहा कि आर्थिक असमानताएं बढ़ रही हैं, आर्थिक विकास पर प्रधानमंत्री के दावों और जमीनी हकीकत में काफी अंतर है. जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए सोनिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर हमारा रुख स्पष्ट है. हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए. इसके साथ ही यहां जल्द से जल्द चुनाव कराया जाए.

महिलाओं को गुमराह करने की हो रही है कोशिश

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि महिलाओं को गुमराह करने और उनके वोट हासिल करने के लिए महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया. इसके साथ ही सोनिया ने आरक्षण को तत्काल लागू करने की मांग की. सोनिया ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि तेलंगाना में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का विधेयक पारित हो गया. उस वादे को पूरा करने में इस सरकार को नौ साल लग गए.

सोनिया ने उठाया बेरोजगारी का मुद्दा

उन्होंने कहा कि दशकों की तुलना में बेरोजगारी अधिक बढ़ रही है. रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. गरीबों को परेशानी हो रही है. यह जरूरी है कि हम इन मुद्दों को जनता के बीच ले जाएं. यह हमारा भी कर्तव्य है कि हम उन ताकतों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ें जो उस सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रही हैं, जिसने हमारे देश को कायम रखा है.

लोकतंत्र का गला घोट रही है मोदी सरकार

सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार द्वारा लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. इससे पहले कभी भी इतने सारे विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित नहीं किया गया और वह भी केवल एक मांग उठाने के लिए. उन्होंने संसद की सुरक्षा में चूक का उल्लेख करते हुए कहा कि 13 दिसंबर को जो हुआ वह अक्षम्य है और उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता.

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