भारत के वो महाराजा जिन्होंने दुनिया की सबसे महंगी 10 कारें खरीदीं और उन्हें कूड़ा गाड़ी में बदल दिया
जयपुर के महाराजा लंदन गए हुए थे. अपने होटल से कैजुअल कपड़ों में ही वह रोल्स रॉयस कारों के शोरूम में उनके बारे में पूछताछ करने चले गए. सेल्समैने ने उन्हें उन कपड़ों में गरीब भारतीय समझा और ज्यादा तवज्जो नहीं दी. एक तरह से उसने पूरी तरह से महाराजा को अनदेखा ही कर दिया. महाराजा ने जब कुछ जानकारी चाही, उस पर उसका रुख अजीब ही था.
महाराजा ने खुद खासा अपमानित महसूस किया. वापस होटल आए और दूसरी बार फिर अपनी राजसी पोशाक में शोरूम में गए. वहां उन्होंने 10 कारों का हाथ के हाथ आर्डर दे दिया. जब वो कारें भारत आईं तो जयसिंह जो किया वो तो कोई सोच ही नहीं सकता है.एक जमाने में रोल्स रॉयस को दुनिया की सबसे महंगी कार माना जाता था. दुनिया के हर रईस और बड़े लोगों की हसरत होती थी कि उनके पास ये कार जरूर हो. भारतीय राजे-महाराजा भी इस कार को अपने पास रखने के लिए दीवाने रहते थे. रोल्स रॉयस की एक खासियत ये भी थी कि वो यूं ही किसी को अपनी कार नहीं बेचती थी बल्कि उसका बैकग्राउंड और आर्थिक स्थिति के साथ हैसियत भी चेक करती थी. इसके बाद ही उन्हें कार बेचती थी.
रोल्स रॉयस कारें आज भी दुनियाभर में वैभव और लग्जरी की प्रतीक मानी जाती हैं. आज भी रोल्स रॉयस को दुनिया की सबसे लग्जरी कारों में गिना जाता है. इसे रखना शान की बात होती है. इसीलिए दुनियाभर के धनाढ्य लोगों की कारों में रोल्स रॉयस कारें जरूर होती हैं.महाराजा जय सिंह जब होटल से कैजुअल इंडियन ड्रेस में निकले तो उन्होंने रोल्स रॉयस शोरूम देखा. उन्हें लगा कि शोरूम में अंदर जाकर इनकी कीमत और नए मॉडल्स के बारे में मालूम करें. शोरूम वालों को लगा कि वो मामूली आदमी हैं, उनकी हैसियत इस कार को खरीदने की नहीं है.
उन्होंने खासतौर पर रोल्स रॉयस से कारों को भारत में उनके महल में ही डिलीवर करने को कहा. साथ में ये भी कहा कि उस शोरूम सेल्स मैन को जरूर साथ में भेजें, जिसने उन्हें पहली बार मामूली शख्स समझा था. जब कार डिलीवर हुई और वो सेल्स मैन इसके साथ पहुंचा तो उन्होंने उसके सामने कार की छतें हटाकर उन्हें कूड़ा गाड़ी बनाने का आदेश दे दिया. सेल्समैन हतप्रभ देखता ही रह गया. उसने जो देखा उसके बारे में लौटकर कंपनी को बताया.