विदेशों में नौकरी का रास्ता युवाओं के लिए जल्द खुलेगा, उपनल की यह हो रही है तैयारी

विदेशों में नौकरी का रास्ता युवाओं के लिए जल्द खुलेगा, उपनल की यह हो रही है तैयारी

युवाओं के लिए विदेशों में नौकरी का रास्ता भी जल्द खुलने जा रहा है। उपनल ने ओवरसीज रिक्रूटमेंट एजेंसी के लाइसेंस के लिए जरूरी औपचारिकताएं करीब करीब पूरी कर ली गई। दून में आईटी पार्क में उपनल और ओवरसीज रिक्रूटमेंट एजेंसी के मुख्यालय के लिए करीब पौने तीन बीघा जमीन चिह्नित की गई।

अब राजस्व विभाग से इसे सैनिक कल्याण विभाग को शिफ़्ट होना बाकी है। केवल जमीन की वजह से ही पांच साल से उपनल का ओवरसीज रिक्रूटमेंट एजेंसी का लाइसेंस लटका है। एमडी-उपनल ब्रिग्रेडियर जेएनएस बिष्ट ने इसकी पुष्टि की।

वर्ष 2018 में कैबिनेट ने किया था फैसला: नवंबर 2018 में भाजपा की तत्कालीन त्रिवेंद्र रावत सरकार ने उपनल को विदेशों में भी रोजगार अवसर मुहैया कराने के लिए ओवरसीज रिक्रूटमेंट एजेंसी के रूप में विकसित करने का निर्णय किया था। केरल और आंध्रप्रदेश में पहले से ही यह व्यवस्था लागू है।

इसके लिए उपनल को खुद को विदेश मंत्रालय में रजिस्टर्ड कराते हुए लाइसेंस लेना था। इसकी प्रक्रिया शुरू भी हो गई थी, लेकिन उपनल के पास अपनी स्थायी या लीज की जमीन न होने की वजह पूरी प्रक्रिया रुक गई। वर्तमान में उपनल कैंट एरिया में सेना के एक इमारत में चल रहा है और उसे भी खाली करने का नोटिस मिल चुका है।

राजस्व विभाग से शिफ्ट होगी जमीन: उपनल मुख्यालय के लिए पांच साल से की जा रही जमीन की तलाश अब जाकर पूरी हुई है। जिला प्रशासन ने सहस्त्रधारा रोड पर आईटी पार्क में पौने तीन बीघा जमीन चिह्नित की है। उपनल प्रबंधन ने इस पर हामी भर दी है। यह जमीन गोल्डन फारेस्ट की है, जो कि राज्य सरकार में निहित हो चुकी है।

विदेशी कंपनियां दून आकर करेंगी चयन
दून में ओवरसीज रिक्रूटमेंट ऑफिस को भव्य बनाया जाएगा। विदेशों से आने वाली कंपनियां इसी में रिक्रूटमेंट के लिए चयन करेंगी और कांट्रेक्ट करेंगी। इसी के आधार पर अभ्यर्थी को वीजा मिलता है। इस प्रक्रिया में उपनल के शामिल होने से जहां प्रदेश के नौजवानों की सुरक्षा की गारंटी रहेगी, वहीं विदेशी कंपनियों को भी योग्य मानव संसाधन मिलेगा। इससे विदेशो में रोजगार के लिए अवसर बढ़ेंगे।

सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 18 महीने का लक्ष्य दिया है। कोशिश की जा रही है इसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए। लाइसेंस के लिए उपनल की ओर से जल्द ही विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया जाएगा। वर्तमान में उपनल के जरिए कार्यरत कर्मियों को बेहतर बीमा सुरक्षा मुहैया कराने के लिए विभिन्न बैंकों के साथ भी बातचील अंतिम दौर में है।
ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट (सेनि), एमडी-उपनल

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