बदलेगी टेलीकॉम की दुनिया, संसद में पेश नए बिल से इंडस्ट्री को ये उम्मीद

केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में नया टेलीकम्युनिकेशन बिल-2023 पेश कर दिया है. जल्द ही संसद की मंजूरी मिलने के बाद ये कानून बन जाएगा और देश में टेलीकॉम सेक्टर को नियंत्रित करने वाले 138 साल पुराने ‘इंडियन टेलीग्राफ एक्ट’ की जगह लेगा. इस कानून से देश के टेलीकॉम सेक्टर में बहुत व्यापक बदलाव होंगे और इंडस्ट्री भी इसे लेकर काफी रोमांचित है.

ये बिल सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों के चलते किसी भी टेलीकॉम सर्विस या नेटवर्क को सस्पेंड, मैनेज करने की ताकत देता है. वहीं ओटीटी ऐप्स या कंपनियों को ये टेलीकम्युनिकेशन के दायरे से बाहर कर देगा. इससे व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसी ऐप्स को दूरसंचार कानून से गवर्न नहीं किया जाएगा. वहीं ये बिल रिलायंस जियो, एयरटेल की वनबेब और एलन मस्क की स्टारलिंक जैसी सर्विस को भी फायदा पहुंचाएगा.

इंडस्ट्री ने किया बिल का स्वागत

इस बिल का टेलीकॉम इंडस्ट्री ने स्वागत किया है. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन के डायरेक्टर जनरल टी. आर. दुआ का कहना है कि इस बिल से टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री को काफी फायदा होगा. ये नियमों के मामले में और इंडस्ट्री को क्या करना है उसके लिए एकरुपता लाएगा. इससे अलग-अलग स्टेट में नियमों के बदलने से होने वाली परेशानियों को दूर करेगा.

वहीं टेलीकॉम कंपनियों के संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) का कहना है कि इस विधेयक से टेलीकॉम नेटवर्क कंपनियों को काफी राहत मिलेगी. ये उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स, बिना अथॉरिटी के सीलिंग, सेस, फीस, ड्यूटीज और अन्य करों से राहत देगा. वहीं नेटवर्क की लाइन बिछाने के लिए कॉमन डक्ट और केबल कॉरिडोर बनाने में भी मदद करेगा.

देश की 600 से ज्यादा इंटरनेट और स्टार्टअप कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) का कहना है कि इंटरनेट कंपनियों को टेलीकॉम सेक्टर के दायरे से बाहर रखने का इंडस्ट्री को फायदा होगा. इससे स्पेक्ट्रम कंट्रोल करने वाली और स्पेक्ट्रम इस्तेमाल करने वाली कंपनियों के बीच का अंतर स्पष्ट होगा. ये देश में इंटरनेट को बढ़ावा देने और इनोवेशन करने में मदद करेगा.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *