पर्वतीय यात्रा में होगा बड़ा बदलाव, पांच वर्षों में बनेंगे 200 से ज्यादा नए रोपवे

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि “पर्वतमाला परियोजना” के तहत राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत अगले पांच वर्षों के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये की लागत से 200 से ज्यादा परियोजनाओं की पहचान की गई है।

नई दिल्ली में मंगलवार को रोपवे पर एक सिम्पोजियम-सह-प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रोपवे नेटवर्क को विकसित करने के लिए समग्र परियोजना लागत को कम करके रोपवे को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाना और देश में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को प्रोत्साहित करना होना चाहिए।”

गडकरी ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन को सुविधाजनक बनाने के अलावा, रोपवे शहरी सार्वजनिक परिवहन में भी बहुत बड़ी क्षमता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा से समझौता किए बिना स्वदेशी और लागत-कुशल समाधान विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए।

मंत्री ने कहा कि रोपवे देश में पर्यटन और रोजगार सृजन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने की अपार क्षमता रखते हैं। अब ध्यान समयबद्ध, लागत-कुशल, गुणात्मक और टिकाऊ बुनियादी ढांचा विकास पर है। उन्होंने कहा कि ‘विश्व स्तरीय’ बुनियादी ढांचे का निर्माण नागरिकों के लिए ‘सुगम जीवन’ और सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करता है।

गडकरी ने कहा कि प्राथमिकता मौजूदा नीतियों और संहिताओं का मानकीकरण लाना और “मेक इन इंडिया” पहल के तहत रोपवे कंपोनेंट्स के निर्माण को प्रोत्साहित करके रोपवे उद्योग को बदलना है।

‘सिम्पोजियम-सह-प्रदर्शनी’ का मकसद विभिन्न भारतीय और वैश्विक निर्माताओं, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, रियायतधारियों और बुनियादी ढांचा विकासकर्ताओं के बीच उद्योग सहयोग को सक्षम बनाना था।

यह आयोजन उद्योग विचार-विमर्श के लिए एक साझा मंच भी प्रदान करता है ताकि ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा दिया जा सके। और रोपवे घटकों के स्थानीयकरण के लिए एक रोडमैप विकसित किया जा सके।

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