विपरीत दिशा में बहने वाली भारत की ये महत्वपूर्ण पूजनीय नदी..

आपने अक्सर यही देखा होगा या पढ़ा होगा कि भारत की जितनी भी नदियां हैं। वह पश्चिम से पूरब की तरफ बहती हैं यह सभी नदियां एक ही दिशा में चलती है। और समुद्र में जाकर मिल जाती हैं। यहां की बहने वाली हर पवित्र पूजनीय नदियों में से एक नदी ऐसी भी है। जो बिल्कुल विपरीत दिशा में बहती है जिसका नाम सुनकर शायद आप भी चौक जाए। यह नदी भारत में पूज्य नदी में से एक है और यह पश्चिम से पूरब की तरफ आकर अरब सागर में मिल जाती है। इस विपरीत दिशा में बहने वाली नदी का नाम ‘नर्मदा नदी’ है। इसको रेवा नदी भी कहा जाता है।

वैसे भारत की सबसे पवित्र कम और बड़ी नदी गंगा नदी है इसके साथ में अन्य पवित्र नदियां भी मिलती हुई बंगाल की खाड़ी में जाकर समाहित हो जाती है। लेकिन यह एकमात्र नर्मदा नदी ऐसी है जो अरब सागर में मिलती है। और यह अमरकंटक से निकलकर आती है। विपरीत दिशा में यह बहती है।

नर्मदा नदी भारत के मुख्य भूभाग से बहती है यह पूरब से पश्चिम की तरफ गुजरात और मध्य प्रदेश में बहने वाली एकमात्र नदी है। उसके बाद यह अरब सागर में जाकर मिल जाती है। यह नदी मैकल पर्वत के अमरकंटक से निकलती है।

नर्मदा नदी का अगर भौगोलिक कारण के अनुसार वितरित बहना बताए तो इसका भौगोलिक कारण रिफ्ट वैली है। ।भौगोलिक कारण रिफ्ट वैली की वजह से यह विपरीत दिशा में बहती है। इसीलिए यह नदी पूरब से पश्चिम की तरफ देखकर अरब सागर में मिल जाती है।

नर्मदा नदी अपने उद्गम स्थल से पश्चिम की तरफ 1312 किलोमीटर की दूरी पर चलती हुई खंभात की खाड़ी अरब सागर में मिलती है इस नदी को मध्य प्रदेश और गुजरात की जीवनदायिनी नदी में से भी एक माना जाता है।

जब नर्मदा नदी अरब सागर में 13 से 12 किलोमीटर का सफर तय करती हुई मिलती है तो उससे पहले नर्मदा नदी गुजरात मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के क्षेत्र से 95726 वर्ग किलोमीटर का पानी बहा कर अरब सागर में मिलती है।

नर्मदा नदी की कुल सहायक नदियां 41 नदी है इसमें से बाई तरफ कुल 22 नदियां बहती है और दाएं साइड 19 नदी के किनारे पर जाकर मिलती हैं।

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