तीन तरफ से हमला करने वाले ‘दुश्मनों’ से काबुल को बचाएगा भारत, ईरान के चाबहार पोर्ट से भेजी गई मदद
भारत ने अफगानिस्तान सरकार को 40,000 लीटर मैलाथियान कीटनाशक भेजा है। टिड्डियों के खतरे से निपटने के लिए इस कीटनाशक का इसका इस्तेमाल किया जाएगा। अफगानिस्तान पर तीन तरफ से तजाकिस्तान, उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान की ओर से टिड्डी दल ने हमला किया है। इससे फसलों को होने वाले नुकसान को देखते हुए अफगानिस्तान के सामने खाद्य संकट खड़ा होने का खतरा पैदा हो गया है। फसलों को टिड्डियों से बचाने के लिए भारत ने ड्रमों में भरकर 40 हजार लीटर कीटनाशक चाबहार पोर्ट के जरिये अफगानिस्तान की मदद के लिए भेज दिया है।
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने भारत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि इस कीटनाशक के जरिए देश के भीतर टिड्डियों से लड़ने में मदद मिलेगी। इससे तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से आने वाली टिड्डियों को रोकने में काफी सहायता होगी। भारत ने मैलाथियान नाम का जो कीटनाशक बड़े-बड़े ड्राम में भरकर काबुल भेजा है, वह एक पर्यावरण-अनुकूल कीटनाशक है और शुष्क क्षेत्रों के लिए सबसे उपयुक्त है। इसमें पानी की बहुत कम जरूरत होती है और ये टिड्डी नियंत्रण में एक महत्वपूर्ण माना जाता है। अफगान कृषि और सिंचाई मंत्रालय के अनुसार, भारतीय सहायता अफगानिस्तान और मध्य एशिया में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम रोल अदा करेगी।
‘ये मानवता के हित में मदद’
अफगानिस्तान के कृषि मंत्रालय ने कहा, कृषि और पशुधन मानवता के समावेशी क्षेत्र हैं, जिनके लाभ और हानि सभी के लिए समान हैं। अफगानिस्तान एक युद्धग्रस्त और पिछड़ा देश है। कोई भी देश जो बीमारी की रोकथाम, अनुसंधान के क्षेत्र में हमारे साथ सहायता करता है। कृषि और पशुधन क्षेत्रों के मशीनीकरण और विपणन को बढ़ावा देना मानवता के साथ सहयोग माना जाता है।
बता दें कि टिड्डियां अपनी वनस्पति-नष्ट करने की क्षमता के लिए जानी जाती हैं। टिड्डी दल बड़े पैमाने पर खेती पर हमला बोलती हैं और पूरी फसल चट कर जाती हैं। इससे खाद्य सुरक्षा का खतरा पैदा हो जाता है। 2020 में अफगानिस्तान और भारत के पड़ोसी पाकिस्तान में टिड्डियों का खतरनाक हमला हुआ था, इसे देखते हुए पाकिस्तान ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया। उस समय भारत में भी राजस्थान, गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में टिड्डियों का आक्रमण देखा गया था।