U19 World Cup Final: ऑस्ट्रेलिया से हारना भारतीय कप्तान उदय सहारन के लिए क्यों है अच्छी खबर?

उदय सहारन, भारतीय क्रिकेट का वो नाम, जो पिछले कुछ हफ्तों में काफी चर्चा में रहा. ये वो नाम है जो क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो सकता था, अगर सामने पीली जर्सी वाली टीम आकर रास्ता न रोकती. आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने उदय की कप्तानी वाली भारतीय टीम को छठी बार चैंपियन बनने से रोक दिया और खुद खिताब जीत लिया. हार दिल तोड़ने वाली होती है लेकिन कप्तान उदय के लिए ये हार बेहतर भविष्य का संकेत है. कैसे? ये आगे बताएंगे.

भारत से कई मील दूर साउथ अफ्रीका के शहर बेनोनी में रविवार 11 फरवरी की शाम वही हुआ, जिसकी उम्मीद कोई भारतीय क्रिकेट फैन नहीं कर रहा था लेकिन जिसका डर हर किसी को था. पिछले 7-8 महीनों में भारत की सीनियर टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों दो अलग-अलग फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में हर कोई सोच रहा था कि शायद अंडर-19 टीम उस हार का दर्द कुछ कम करेगी लेकिन उसे भी 79 रनों से शिकस्त मिली और ऑस्ट्रेलिया चौथी बार चैंपियन बन गया.

दिग्गजों के साथ नहीं जुड़ा नाम

इस वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम की कप्तानी राजस्थान के रहने वाले लेकिन पंजाब के लिए खेलने वाले दाएं हाथ के बल्लेबाज उदय सहारन के हाथों में थी. उनकी कप्तानी में टीम ने फाइनल से पहले सभी 6 मैच दमदार अंदाज में जीते थे. अगर फाइनल जीत जाते तो उनका नाम मोहम्मद कैफ, विराट कोहली, पृथ्वी शॉ जैसे कप्तानों की लिस्ट में शामिल हो जाता, जिन्होंने भारत को अंडर-19 का वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

जो जीते, उन कप्तानों का क्या हुआ?

इसके बावजूद अगर आपसे कहें कि ये हार उदय के लिए निजी तौर पर अच्छा संकेत है, तो हैरानी हो सकती है. ऐसा होगा या नहीं, दावे के साथ तो कहना मुश्किल है लेकिन अतीत को देखते हुए संकेत समझे जा सकते हैं, उम्मीद की जा सकती है. असल में भारत और ऑस्ट्रेलिया तीसरी बार अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में भिड़े थे. इससे पहले 2012 में और 2018 में टक्कर हुई थी. भारत ने वो दोनों फाइनल जीतकर खिताब अपने नाम किया था.लेकिन इन दोनों ही फाइनल को जीतने वाले भारतीय कप्तानों का करियर कभी सही से आगे नहीं बढ़ पाया.

2012 में उन्मुक्त चंद की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया था, खुद उन्मुक्त ने फाइनल में शतक जमाया था. उन्हें भविष्य का सुपरस्टार माना जा रहा था लेकिन वो कभी भी टीम इंडिया के आस-पास भी नहीं पहुंच पाए. यहां तक कि डॉमेस्टिक क्रिकेट और आईपीएल में भी वो फेल रहे. वहीं 2018 में पृथ्वी शॉ की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया था. उन्मुक्त के मुकाबले शॉ का करियर तो तुरंत उठा और टीम इंडिया में उन्हें मौका भी मिल गया लेकिन अलग-अलग वजहों से लगातार ग्राफ गिरा और अब वो करीब 3 साल से टीम इंडिया से दूर हैं और वापसी के भी कोई आसार नहीं दिख रहे हैं.

खूब चला उदय का बल्ला

अब अगर इसे किसी तरह का संकेत समझा जाए तो उम्मीद की जा सकती है कि उदय का करियर दोनों कप्तानों से ज्यादा बेहतर हो सकता है. वैसे इस टूर्नामेंट में उदय ने अपने प्रदर्शन से ये साबित तो किया है कि वो लंबी रेस का घोड़ा साबित हो सकते हैं. उदय ने टूर्नामेंट की 7 पारियों में सबसे ज्यादा 397 रन बनाए, जिसमें 1 शतक और 3 अर्धशतक शामिल थे. अब यही उम्मीद होगी कि घरेलू क्रिकेट में वो इस फॉर्म को जारी रखें.

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