900 KM चलकर आया… लेकिन शीशे से भी पिता को देखने नहीं दिया’, मुख्तार अंसारी के बेटे का छलका दर्द
यूपी में माफिया मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने के बाद उसे बांदा जेल से मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. इस बीच मुख्तार के बेटे उमर अंसारी अपने पिता से मिलने अस्पताल पहुंचे. लेकिन उमर का आरोप है कि उन्हें अपने पिता मुख्तार से मिलने नहीं दिया गया. उमर अंसारी ने कहा कि मैं 900 किलोमीटर चलकर आया हूं. रोजे से भी हूं. मगर मुझे मिलने नहीं दिया गया, शीशे तक से भी देखने नहीं दिया गया. हमारे साथ ज्यादती की जा रही है.
मुख्तार के छोटे बेटे उमर अंसारी ने मीडिया से बात करते कहा कि हम कानून के रास्ते से अपनी लड़ाई लड़ेंगे और सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे. हमें सर्वोच्च न्यायालय से उम्मीद है. हमें न्यायपालिका पर विश्वास है कि वह हमें न्याय देंगे. मैं फिर कल आऊंगा. मुझे मिलने की इजाजत मिले. अपने पिता को देखने दिया जाए. उमर अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जेल प्रशासन द्वारा जो पत्र भेजा गया उसमें मेरा और सांसद (अफजाल अंसारी) का नाम है. लेकिन फिर भी मुझे पिता से मिलने नहीं दिया जा रहा है. मैं 900 किलोमीटर दूर से आया हूं. रोजे से भी हूं फिर भी मुलाकात की इजाजत नहीं दी जा रही. जबकि, अफजाल को उनसे मिलने दिया गया ।
उमर अंसारी (Umar Ansari) ने कहा कि इस सरकार ने मानवता नहीं दिखाई है. पुलिस, नियम, कानून सब कुछ है. लेकिन मानवता भी एक चीज होती है. हमें बताया गया था कि हम केवल एक ही आदमी को मिलने देंगे. चाहे मैं मिल लूं या फिर अफजाल अंसारी लेकिन फिर भी मुझे नहीं मिलने दिया गया. मेरी कामना है कि वह (मुख्तार) जल्द ठीक हो जाएं. कल फिर आऊंगा, शायद मुलाकात हो जाए. उमर अंसारी ने आगे कहा कि 25-26 साल के अपने जीवनकाल में 25 साल बिना अपने पिता के रहा हूं. मैंने पिता के बिना बकरीद मनाई, दीपावली मनाई. आज जब मैं उनको इस परिस्थिति में देखता हूं तो बहुत कष्ट होता है. मुझे शीशे से भी उनको देखने नहीं दिया गया है.
जानकारी के अनुसार, सोमवार की देर रात को जब मुख्तार की तबीयत खराब हुई तो जेल प्रशासन ने आनन-फानन में चिकित्सकों को बुलाया गया. जांच-पड़ताल करने के बाद मुख्तार अंसारी को मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराने की सलाह दी गई है. जिसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार को मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया. बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उन्हें जेल में बेहतर सुविधा नहीं मिली रही है. साथ ही उन्होंने बांदा जेल में किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए अपनी जान का खतरा भी बताया था.