मुफ्त में डॉक्टर बनाएगा ये मेडिकल कॉलेज, नहीं देनी होगी ट्यूशन फीस, इस वजह से लिया फैसला
मेडिकल की पढ़ाई आज के समय में आम लोगों के बस की बात नहीं. लाखों रुपये का ट्यूशन फीस, हॉस्टल का खर्च और ऊपर से इतनी महंगी कॉपी-किताबें. भारत में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीबीएस की फीस 10 लाख रुपये तक है, जबकि मेडिकल कॉलेजों में तो यह 60 लाख रुपए तक है. पीछे से खर्च होता है, उसका तो कोई हिसाब ही नहीं. लेकिन एक कॉलेज ने ऐलान किया है कि वह मुफ्त में डॉक्टर बनाएगा और छात्रों से एक भी पैसा ट्यूशन फीस के नाम पर नहीं वसूलेगा. इसकी वजह भी बेहद खास है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह कॉलेज अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में है. इसका नाम अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन है. यहां ट्यूशन फीस के नाम पर हर साल एक छात्र से 59,000 डॉलर यानी लगभग 48.87 लाख रुपये लिए जाते हैं, जिससे छात्रों पर काफी कर्ज हो जाता है. अब कॉलेज प्रशासन ने एक खास वजह से छात्रों की ट्यूशन फीस माफ करने का फैसला किया है.
कॉलेज को मिला 1 अरब डॉलर दान
दरअसल, बीते दिनों वॉल स्ट्रीट के एक प्रमुख निवेशक डेविड सैंडी गॉट्समैन निधन हुआ, तो पता चला कि उन्होंने शेयर मार्केट में काफी पैसा इन्वेस्ट कर रखा था. कीमत इतनी ज्यादा थी कि उनकी पत्नी और ब्रोंक्स स्कूल की पूर्व प्रोफेसर डॉ. रूथ गॉट्समैन भी हैरान रह गईं. इसके बाद उन्होंने अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन को 1 अरब डॉलर दान देने का फैसला किया. यह रकम इतनी ज्यादा थी कि उन्होंने बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने की बात कही. उसके बाद ही कॉलेज ने ये फैसला लिया.
अमेरिकी स्कूल को मिला सबसे बड़ा दान
विश्वविद्यालय के डीन डॉ. यारोन योमर ने बताया कि यह किसी अमेरिकी स्कूल को मिला सबसे बड़ा दान है. उन्होंने कहा, हम अंतिम वर्ष के छात्रों का ट्यूशन फीस माफ करने जा रहे हैं. इसके बाद अगले साल जो भी छात्र एडमिशन लेंगे उन्हें ट्यूशन फीस नहीं देना होगा. यह दान हमारे छात्रों को कर्ज से मुक्ति दिलाएगा. वे रिसर्च पर फोकस कर पाएंगे. उनका मानसिक विकास बेहतर तरीके से होगा. डॉ. गॉट्समैन ने कहा, मैं अपने पति का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने इतना महत्वपूर्ण गिफ्ट मुझे दिया.