महिला ने Loan लेकर शुरु की खेती, अब हर महीने कमा रही लाखों रुपये
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बदलते दौर में खेती किसानी और पुरुषों का कि सीमित नहीं रह गया है. महिलाएं भी खेती से जुड़कर बेहतर मुनाफा कमा रही है. घर की रसोई से निकलकर महिलाओं के हाथ में खुरपी उनके प्रगति का राह आसान कर रहा है.
बेगूसराय में भी बड़ी संख्या में महिलाएं खेती किसानी में दिलचस्पी ले रही है और सफलता भी हासिल कर रही है. इसमें कुछ महिलाएं लीक से हटकर खेती के जरिए बेहतर मुनाफा कमा रही है.
इन्हीं महिलाओं में शामिल है गढ़पुरा की अंजू देवी. जिन्होंने खेती-किसानी में हाथ आजमाकर अपना भविष्य सुरक्षित करने का काम कर रही है. अंजू अपनी मेहनत से खेती-बाड़ी कर इलाके में अपनी एक अलग पहचान कायम कर ली है.
बाजार में सब्जी की कीमतों में हो रही लगातार वृद्धि अंजू जैसी महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. अंजना जीविका से कर्ज लेकर खेती की शुरुआत की और अब अच्छी कमाई कर रही है.
जीविका से कर्ज लेकर शुरू किया सब्जी की खेती
बेगूसराय जिला मुख्यालय से 34 किमी की दूरी पर गढ़पुरा प्रखंड स्थित राज सोनमां पंचायत के वार्ड संख्या-9 की रहने वाली अंजू देवी बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. इनके परिवार में कुल 4 सदस्य हैं.
कृषि भूमि कम होने और कोई रोजगार नहीं होने की वजह से पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. अंजू के मुताबिक़ शुरूआत के दिनों में सबसे बड़ी समस्या पूंजी को लेकर थी. कर्ज मांगने पर भी कोई देने को तैयार नहीं हो रहे थे.
तब जीविका का दामन थामकर कर्ज लिया और सब्जी की खेती शुरू की. अंजू ने बताया कि शुरुआती दिनों में परवल का उत्पादन कर बाजार तक पहुंचने में भी परेशानी हुई, लेकिन धीरे-धीरे अच्छी पकड़ बन गई. अब सब्जी की खेती से बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं.
सप्ताह में 10 से 15 हजार की सब्जियों की होती है बिक्री
महिला किसान अंजू देवी ने बताया चार से पांच बीघा में सब्जी की खेती कर रहे हैं. जिसमें सालाना डेढ़ से 2 लाख का खर्च आता है. ज्यादातर हरी सब्जियों की खेती करते हैं. जिसमें भिंडी, बैगन, परवल, गोभी, मिर्च सहित सीजनल सब्जी शामिल रहता है.
उन्होंने बताया कि खेल से रोजाना सब्जी नहीं तोड़ते हैं. 5 से 6 दिन में सब्जी खेत से तोड़ते हैं. वही सप्ताह की बात की जाए तो 10 से 15 हजार की सब्जियां बिक जाती है.
वहीं हर माह लगभग 50 हजार कमा लेती है. सब्जी की खेती ने ना सिर्फ परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में मदद की बल्कि बच्चों को भी अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे हैं और पास में हमेशा रुपये भी रहते हैं. आप किसी से मांगने की जरूरत नहीं पड़ती है.