कालसर्प और पितृ दोषों से मिलेगी मुक्ति, बस अमावस्या पर अपना लीजिए ये उपाय, जानिए कब है शुभ मुहूर्त

वर्ष 2024 में पड़ने वाली पहली अमावस्या के दिन कुछ विशेष उपाय करने से पितरों के दोष को शांत करने के साथ ही कालसर्प दोष को भी समाप्त किया जा सकता है. दरअसल, इस वर्ष 11 जनवरी को पौष महीने की अमावस्या पड़ रही है, इसका काफी विशेष महत्व माना जाता है. धार्मिक मान्यताएं हैं कि पौष अमावस्या में कुछ उपाय करने से नाराज पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है. इतना ही नहीं इस दिन स्नान दान करने से कालसर्प दोष को भी समाप्त किया जा सकता है.

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोहर आचार्य ने बताया कि पौष अमावस्या का काफी धार्मिक महत्व माना जाता है. इस दिन कुश धारण कर अपने पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस दिन स्नान-दान इत्यादि करना चाहिए तथा पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए ।

ऐसे मिलती है कालसर्प दोष से मुक्ति

ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों को शांति मिलती है. अगर आपके पितर आपसे नाराज हैं तो उन्हें भी प्रसन्न किया जा सकता है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पौष माह की अमावस्या के दिन कुश धारण कर पूजा करने से और स्नान दान करने के बाद कुत्ता, कौआ, गाय इत्यादि को भोजन करने से कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है.

विशेष लाभ पाने के लिए करें यह

उपायज्योतिषाचार्य ने बताया कि स्नान-दान करने के बाद भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए. ऐसा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. ज्योतिषाचार्य मनोहर आचार्य बताते हैं की पौष अमावस्या के दिन स्नान के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए, ऐसा करने से पुण्य मिलता है. अमावस्या के दिन व्रत रखने से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. इसके अलावा अमावस्या के दिन माता तुलसी को 108 गांठ लगाकर पीला जनेऊ चढ़ाना चाहिए, साथ ही उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए. ऐसा करने से धन की भी प्राप्ति होती है.

क्या है पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्तपौष अमावस्या की शुरुआत:

10 जनवरी की संध्या 8: 10 बजे से, पौष अमावस्या तिथि समापन : 11 जनवरी संध्या 5:26 बजे. स्नान दान का शुभ मुहूर्त: 11 जनवरी सुबह 5:57 से सुबह 6:21 बजे तक. अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:08 से दोपहर 12:50 बजे तक.

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