बाइक के लिए 2, कार के लिए 5 लीटर; ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के बाद चंडीगढ़ प्रशासन का आदेश

चंडीगढ़ में मंगलवार को पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया. नए हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण ईंधन खरीदने की होड़ मच गई है. ट्रक मालिकों केचल रहे विरोध प्रदर्शन से पंपों पर ईंधन की कमी हो सकती है. इसके मद्देनजर चंडीगढ़ प्रशासन ने एक बयान में कहा कि ईंधन टैंकरों के ड्राइवरों की चल रही हड़ताल के मद्देनजर पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है. आदेश में कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से दोपहिया वाहन प्रति लेनदेन अधिकतम 2 लीटर (अधिकतम मूल्य 200 रुपये) और चार पहिया वाहन 5 लीटर (अधिकतम मूल्य 500 रुपये) ईंधन तक सीमित हैं.

आज सुबह से ही पंजाब के सभी जिलों में ईंधन स्टेशनों पर वाहनों की भारी कतारें देखी गईं. प्रशासन ने कहा कि लगाई गई सीमाएं ईंधन आपूर्ति में अस्थायी व्यवधान की इस अवधि के दौरान सभी के लिए ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक सक्रिय उपाय है.

प्रशासन ने कहा कि लगाई गई सीमाएं ईंधन आपूर्ति में अस्थायी व्यवधान को सुनिश्चित करने के लिए की गई है. इसने ईंधन स्टेशन संचालकों से इन नियमों का पालन करने का भी आग्रह किया और उपभोक्ताओं से लगाए गए प्रतिबंधों में सहयोग करने का अनुरोध किया है. बयान में आगे कहा गया है कि तेल विपणन कंपनियों और पंजाब और हरियाणा के समन्वय से चंडीगढ़ में ईंधन की आपूर्ति फिर से शुरू करने के प्रयास जारी हैं.

हिट-एंड-रन कानून के खिलाफ ट्रक हड़ताल

नए कानून में हिट-एंड-रन मामलों में सख्त सजा को लेकर देश भर के कई राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस डर से कि विरोध प्रदर्शन के कारण स्टॉक जल्द ही खत्म हो जाएगा. वाहन चालक कई स्थानों पर ईंधन स्टेशनों पर कतार में खड़े हो गए हैं.

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता में बदलाव किये गये हैं. ड्राइवर जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनते हैं और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भाग जाते हैं, उन्हें 10 साल तक की कैद या जुर्माना हो सकता है और 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद मामलों का नया प्रावधान तैयार किया गया है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, यदि कोई ड्राइवर गलती से किसी व्यक्ति को टक्कर मार देता है और बाद में पुलिस को सूचित करता है या पीड़ित को नजदीकी अस्पताल ले जाता है, तो उस पर हाल ही में लागू भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के कड़े प्रावधान के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाएगा.

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