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साजिश, सुराग और जांच का कंफ्यूजन… 14 घंटे में बदल गए सलमान खान के घर फायरिंग करने वालों के चेहरे

Galaxy Apartment Shootout: सुपर स्टार सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट में पांच गोलियां दागने की असली वजह सामने आ गई है. और इसके साथ ही उन दोनों हमलावरों की हकीकत भी सामने आ गई, जिन्होंने इस शूटआउट को अंजाम दिया था.

दोनों हमलावर वैसे तो बिहार से हैं, लेकिन इनमें से एक का कनेक्शन हरियाणा से भी है.

दोनों ने सलमान खान के घर पर हमला करने से पहले उन्होंने बड़े ही खामोश तरीके से रेकी और तैयारी की थी और इन दोनों का ताल्लुक लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है. सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि इस मामले में पहले गुरुग्राम के एक गैंगस्टर का नाम आया था. जिसे लेकर अब सवाल भी उठ रहे हैं. तो आइए जानते हैं, इस पूरे हमले की साजिश का सच.

सुबह के पांच बजे, पांच राउंड फायरिंग
विक्की गुप्ता. उम्र 24 साल और सागर पाल. उम्र 23 साल. पुलिस हिरासत में दोनों के चेहरे साफ-साफ पहचाने जा सकते हैं. लेकिन इनका असली रूप कुछ और है. गैलेक्सी पर हुए हमले की सीसीटीवी फुटेज में इनका असली रूप दिखता है. एक बाइक पर दोनों बैठे दिखाई देते हैं. विक्की गुप्ता और सागर पाल. बाइक पर आगे विक्की गुप्ता है और पीछे सागर पाल. सागर पाल के हाथ में हथियार है. और वो उसी हथियार से गैलेक्सी अपार्टमेंट का निशाना लेकर कुल पांच गोलियां चलाता है. तीन जमीन पर गिरती हैं. एक गैलेक्सी की दीवार पर और एक गैलेक्सी की बालकॉनी के पर्दे को चीरती हुई सलमान खान के ड्राइंग रूम की दीवार पर जा लगती है.

पहले उछाला गया गैंगस्टर विशाल उर्फ कालू का नाम
सलमान खान के घर पर हुए शूटआउट के ठीक चालीस घंटे बाद मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट नाइन ने भुज पुलिस की मदद से आखिरकार दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया. पर इनकी गिरफ्तारी की पूरी कहानी से पहले एक सवाल सामने है. सलमान के घर रविवार की सुबह करीब पांच बजे हुए शूटआउट के कुछ घंटे बाद ही मुंबई और दिल्ली पुलिस के सूत्रों की तरफ से ये दावा किया गया था कि दोनों हमलावरों में से एक की शिनाख्त हो गई है. उसका नाम विशाल उर्फ कालू बताया गया. दावा किया गया कि विशाल रोहित गोदारा गैंग का गुर्गा है, गुरुग्राम में रहता है. और इस हमले के पीछे उसी का हाथ है.

दो राज्यों की पुलिस के बीच आपसी होड़ या मिसकम्यूनिकेशन?
पुलिस सूत्रों के इस दावे के बाद हर चैनल पर विशाल का नाम और उसकी खबर भी चल गई. इतना ही नहीं कुछ मीडिया वाले गुरुग्राम में विशाल के घर भी पहुंच गए. विशाल की बहन से कैमरे पर बात भी कर ली. लेकिन अब खुद मुंबई पुलिस ने सलमान के घर पर हमला करने वाले जिन शूटरों का नाम लिया है, उनमें विशाल का नाम नहीं है. तो सवाल ये कि सिर्फ सीसीटीवी कैमरे की तस्वीर देख कर और असली हमलावरों की सच्चाई जाने बगैर विशाल का नाम कहां से उछाल दिया गया? क्या ये दो राज्यों की पुलिस के बीच की आपसी होड़ का नतीजा था? या फिर मिसकम्यूनिकेशन का?

 बांद्रा रेलवे स्टेशन से मिला पहला सुराग
अब गैलेक्सी के असली हमलावर यानी विक्की और सागर की गिरफ्तारी की कहानी पर आते हैं. जानते हैं कि आखिर पुलिस को इन दोनों का सुराग पहली बार कैसे और कहां मिला? असल में इन दोनों के बारे में पहला सुराग बांद्रा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से मिला. गैलेक्सी पर गोली चलाने के बाद दोनों बाइक पर से पहले माउंट मेरी पहुंचे थे. वहां इन्होंने अपनी बाइक पार्क की और फिर एक ऑटो बांद्रा रेलवे स्टेशन पहुंचे. बाइक पार्क करने के साथ ही दोनों ने अपने हेलमेट भी उतार दिए थे. अब वो आगे जिस कैमरे में भी रिकॉर्ड होते उनका चेहरा साफ दिखता. पर सिर्फ चेहरे से पुलिस उनका कब तक और कहां तक पीछा करती?

ऐसे हमलावरों का पीछा कर रही थी पुलिस
लिहाजा क्राइम ब्रांच की टीम रविवार सुबह चार बज कर 50 मिनट के आस-पास गैलेक्सी के बाहर का डंप डाटा कलेक्ट करती है. चूंकि सुबह का वक्त था लिहाजा बहुत सारे नंबर एक्टिव नहीं थे. जो एक्टिव थे, उनमें से कुछ नंबरों पर पुलिस जीरो इन करती है. इसी बीच सीसीटीवी कैमरे से दोनों हमलावर बांद्रा रेलवे स्टेशन पर नजर आते हैं. उनकी लावारिस बाइक माउंट मेरी से मिल चुकी थी. पुलिस नोटिस करती है कि गैलेक्सी के पास जो नंबर एक्टिव थे, वही दो नंबर अब बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास भी एक्टिव नजर आ रहे थे. बाद में दोनों हमलावर सांताक्रूज रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर नजर आते हैं. इत्तेफाक से वही दोनों नंबर अब सांताक्रूज में भी एक्टिव दिखाई देते हैं. अब पुलिस कनफर्म हो जाती है कि ये दोनों नंबर हमलावरों के हैं. अब इन नंबरों के जरिए पुलिस उनकी लोकेशन को पकड़ना शुरू करती है.

क्राइम ब्रांच टीम को लीड कर रहे थे दया नायक
क्राइम ब्रांच यूनिट 9 की टीम की अगुवाई दया नायक कर रहे थे. उन्हें पता था कि अब इन्हीं दो मोबाइल नंबरों की मदद से वो हमलावरों को दबोच सकते हैं. लेकिन दोनों हमलावर भी उतनी ही तेजी से अपनी लोकेशन बदल रहे थे. दोनों मुंबई से दहिसर और दहिसर से सूरत पहुंचते हैं. सूरत की ताप्ती नदी में दोनों उस तमंचे को फेंक देते हैं, जिससे गैलेक्सी पर पांच गोलियां चलाई थी. हथियार ठिकाने लगाने के बाद अब दोनों ट्रेन के रास्ते सूरत से अहमदाबाद पहुंचते हैं. दया नायक की टीम अब भी दोनों की लोकेशन का लगातार पीछा कर रही है. अब तक टीम ये समझ ही नहीं पा रही थी कि दोनों कहां भागना चाहते हैं? शुरू में उन्हें लगा कि शायद वो राजस्थान की तरफ जाएंगे. लेकिन फिर तभी लोकेशन के जरिए ये पता चला कि दोनों अहमदाबाद से बस के रास्ते भुज की तरफ निकल पड़े.

दया नायक ने SSP को दी थी जानकारी
इसी के बाद क्राइम ब्रांच की दो अलग-अलग टीमें भी दोनों को पकड़ने के लिए मुंबई से गुजरात के लिए रवाना हो जाती है. दोनों भुज में जिस रास्ते पर आगे बढ़ रहे थे वो रास्ता नखत्रणा टाउन की ओर जाता है. इत्तेफाक से दो साल पहले सिद्धू मूसेवाला के दो शूटरों को पुलिस ने भुज के उसी इलाके से पकड़ा था. यानी ये वो इलाका है, जहां लॉरेंस बिश्नोई का कोई ना कोई पनाहगार छुपा हुआ है. जो उसके गुर्गों को इन इलाकों में छुपाता है या पनाह देता है. भुज की लोकेशन मिलते ही क्राइम ब्रांच यूनिट 9 के इंचार्ज दया नायक तुरंत भुज के एसएसपी को फोन कर दोनों हमलावरों की पूरी जानकारी देते हैं.

 गिरफ्तारी के वक्त मंदिर में सो रहे थे दोनों हमलावर
जानकारी मिलते ही भुज पुलिस शाम को नखत्राणा पहुंचने वाली तमाम बसों और टैक्सी ड्राइवरों से पूछताछ करती है. उन्हें दोनों हमलावरों की वो तस्वीर भी दिखाती है, जो मुंबई पुलिस ने उन्हें भेजी थी. इत्तेफाक से एक बस ड्राइवर तस्वीर देखते ही दोनों को पहचान लेता है. और बताता है कि कुछ देर पहले ही दोनों नखत्राणा के ही माता का मठ मंदिर के पास उतरे थे. बस ड्राइवर से ये जानकारी मिलते ही भुज पुलिस की एक टीम फौरन माता का मठ पहुंच जाती है. इस पूरे इलाके में इस मंदिर की बहुत मान्यता है. कुछ वक्त पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां आ चुके हैं. अब भुज पुलिस मंदिर पहुंच कर पूछताछ करती है. पूछताछ में पता चलता है कि उस हुलिए के दो लोग मंदिर परिसर के अंदर सो रहे हैं. पुलिस दोनों को सोते हुए हालत में ही गिरफ्तार कर लेती है.

फ्लाइट से मुंबई लाए गए दोनों शूटर
गिरफ्तारी के बाद उन दोनों को भुज के ही दयापुर थाने लाया जाता है. दोनों की गिरफ्तारी की खबर क्राइम ब्रांच को दी जा चुकी थी. क्राइम ब्रांच की टीम देर रात ही भुज पहुंच चुकी थी. इसके बाद दोनों को वो टीम सुबह की पहली फ्लाइट से लेकर मुंबई आती है और उन्हें कोर्ट में पेश करती है. अदालत दोनों को 25 अप्रैल तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज देती है.

हमलावरों ने तीन बार की थी गैलेक्सी की रेकी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब तक की पूछताछ में विक्की और सागर ने जो कुछ बताया उसके मुताबिक दोनों ने सलमान के घर गैलेक्सी की बाइक और ऑटो रिक्शे पर कुल तीन बार रेकी की थी. तीनों ही बार उन्होंने गैलेक्सी आने जाने के हर रास्ते को खंगाला था. रेकी के दौरान उन्होंने तय किया कि शूटआउट के बाद वो अपनी बाइक माउंट मेरी में पार्क करेंगे. क्योंकि वहां से बांद्रा स्टेशन करीब है. रेकी के दौरान ही उन्होंने ये भी देखा कि सुबह-सुबह गैलेक्सी के आस-पास सन्नाटा होता है. ट्रैफिक भी बहुत कम होता है. लिहाजा उन्होंने हमले के लिए पांच बजे से पहले का वक़्त चुना. और प्लान के तहत ही रविवार सुबह ठीक चार बज कर पचास मिनट पर चलती बाइक से गैलेक्सी की तरफ उन्होंने कुल पांच गोलियां दागी.

ये था हमलावरों का असली मकसद
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों हमलावरों का मकसद गोली चला कर सिर्फ सलमान और सलमान के परिवार को धमकाना था. इसीलिए उन्होंने गोलियां गैलेक्सी की दीवार पर चलाई थी. लेकिन चूंकि चलती बाइक से गोली चला रहे थे, इसलिए एक गोली घर की बालकॉनी के पर्दे भेदती हुई ड्राइंग रूम तक पहुंच गई.

 रेकी के बाद हमले के लिए चुना था 14 अप्रैल का दिन
पुलिस के मुताबिक दोनों शूटर 28 फरवरी को मुंबई आए थे. मुंबई के पनवेल के हरिग्राम गांव में दोनों ने किराये का एक घर लिया. बाकायदा 10 मार्च को रेंट एग्रीमेंट भी साइन किया. रेंट एग्रीमेंट 11 महीने के लिए था. इस दौरान ये गैलेक्सी की रेकी करते रहे. सारी तैयारी के बाद होली मनाने के लिए दोनों चंपारण अपने घर गए. गांव में होली मना कर एक अप्रैल को वापस मुंबई आए. दो अप्रैल को 24 हजार रुपये में पुरानी बाइक खरीदी. दस अप्रैल के बाद इन्हें पनवेल में ही एक अंजान शख्स से हथियार मिला. सारी तैयारी और रेकी के बाद इन्होंने हमले के लिए 14 अप्रैल रविवार की सुबह का वक्त चुना.

अनजान शख्स से मिला था हथियार
शुरुआती पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ है कि मुंबई आने के बाद ये दोनों पनवेल के राधा कृष्ण अपार्टमेंट के एक फ्लैट में किराये पर रुके थे. पनवेल वही जगह है, जहां सलमान खान का फार्म हाउस भी है. इस वारदात को अंजाम देने के लिए इन्हें हथियार भी इसी पनवेल के इलाके में एक शख्स ने इन्हें दिया. दोनों का कहना है कि हथियार देने वाले शख्स को वो नहीं जानते हैं.

FIR में नामजद है लॉरेंस का भाई अनमोल
मुंबई पुलिस के मुताबिक इस मामले में फिलहाल उन्होंने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें विक्की और सागर के अलावा अनमोल बिश्नोई का नाम भी है. अनमोल लॉरेंस बिश्नोई का भाई है. मुंबई पुलिस के मुताबिक शूटआउट के कुछ घंटे बाद ही अनमोल बिश्नोई ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. इसीलिए इस मामले में वो भी एक आरोपी है. इस केस में जो सबसे चौंकाने वाला पहलू है, वो ये कि पकड़े गए दोनों हमलावर यानी विक्की गुप्ता और सागर पाल बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के रहने वाले हैं. जबकि लॉरेंस बिश्नोई के ज्यादातर गुर्गे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान या फिर दिल्ली के हैं.

गुर्गों से नहीं, थर्ड पार्टी से कराया हमला
मुंबई पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों हमलावरों में से एक सागर पाल बेशक बिहार का रहनेवाला है, लेकिन वो कई सालों तक हरियाणा में भी रहा है. पुलिस का कहना है कि हरियाणा में रहने के दौरान ही वो लॉरेंस के गुर्गों के संपर्क में आया. हालांकि सूत्रों का ये भी कहना है कि सलमान के घर हमले के लिए लॉरेंस गैंग ने थर्ड पार्टी को सुपारी दी थी. गैंग चाहता था कि ये काम ऐसे लोग अंजाम दें, जो पुलिस की लिस्ट में नहीं हैं. सूत्रों की मानें तो जिस थर्ड पार्टी के जरिए ये काम कराया गया, उसका संबंध यूपी से

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