35 दिन में 30 ड्रोन हमले, समंदर में कौन कर रहा भारत आ रहे जहाजों का शिकार?
हिंदुस्तान की ग्लोबल धाक दुश्मनों को हजम नहीं हो रही. देश का बढ़ता कारोबार और समुद्री व्यापार को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है. समंदर में अदृश्य और अनजान दुश्मन लगातार भारत के व्यापारिक जहाजों पर हमला कर रहा है. पिछले 35 दिन में ही 30 से ज्यादा ड्रोन हमले किए जाने की बात सामने आ चुकी है. यह मामला इसलिए गंभीर है, क्योंकि यह देश के करोड़ों के कारोबार का मामला है. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि लगातार हो रहे इन हमलों से अमेरिका खुद हैरान है.
4 दिन पहले 23 दिसंबर को अरब सागर में जहाज MV केम प्लूटो पर हमला हुआ था. ये जहाज सऊदी अरब से मंगलुरू आ रहा था. जिसमें कच्चा तेल था. विमान पर लाइबेरिया का झंडा लगा था. शक जताया जा रहा है ये हमला ईरान की तरफ से आए ड्रोन से किया गया. हालांकि ईरान ने हमले के आरोपों को खारिज किया है. हूती विद्रोहियों पर भी इसका शक जताया जा रहा है. इसके ठीक बाद 24 दिसंबर को इसी समुद्री रूट पर लाल सागर में अफ्रीकी देश गैबॉन के झंडे वाले जहाज पर हमला किया गया. तेल से भरे जहाज M/V साईबाबा पर ड्रोन से अटैक हुआ. MV साई बाबा नाम का जहाज भारत की ओर आ रहा था. इसमें चालक दल के 25 सदस्य सवार थे. सभी भारतीय थे. अमेरिका ने यहां भी हूती विद्रोहियों की ओर से हमले का शक जताया.
35 दिन में 30 हमले
कहानी सिर्फ इन दो हमलों की नहीं है, 35 दिन 30 हमले हुए हैं. इसमें हाईजैक भी है और लूट भी. खास बात ये है कि सारे हमले इसी रूट पर हुए हैं. ये ज्यादा चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि इस वक्त इजरायल और हमास के बीच जंग चल रही है. भारत का इस जंग से कोई लेना-देना नहीं है फिर भी उन जहाजों पर भी हमले हुए हैं जो भारत की ओर आ रहे थे. ऐसे में भारत सरकार अब सख्त हो चुकी है. देश के रक्षा मंत्री से लेकर नेवी चीफ तक ने साफ साफ शब्दों में एलान किया है कि दुश्मन चाहे जो भी हो उसे बख्शा नहीं जाएगा.
3 बाहुबली युद्धपोत तैयार
हमले के बाद नौसेना ने अरब सागर में 3 बाहुबली युद्धपोत तैनात कर दिए हैं. जो न सिर्फ इस रूट पर नजर रखेंगे बल्कि जहाज की तरफ आने वाले किसी भी दुश्मन ड्रोन को पलभर में नाकाम कर देंगे. समंदर के उन तीन महाबलियों से आज आपको मिलना चाहिए. उनकी ताकत के बारे में जानना चाहिए.
- INS मोर्मुगाओ : जिन तीन युद्धपोतों को भेजा गया है उसमें एक नाम है INS मोर्मुगाओ. ये घातक मिसाइल ब्रह्मोस से लैस है. समंदर में ही दुश्मन पनडुब्बी को नष्ट करने की ताकत रखता है. इसमें आधुनिक सर्विलांस रडार सिस्टम भी है जो दुश्मन के हमले का सटीक आकलन करने में माहिर है. इसमें चार ताकतवर टर्बाइन लगे हैं जो 55 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकता है.
- INS कोच्चि : ये 16 सुपरसोनिक ब्रम्होस मिसाइल से लैस है, जिसमें 76-एमएम की सुपर रैपिड गन और एके-630 इसमें लगे हैं. इसपर चेतक जैसे दो हेलिकॉप्टर रखे जा सकते हैं, यह युद्धपोत भी दुश्मन की हरकत का पता लगाकर उसे नाकाम करने में माहिर है.
- INS कोलकाता : ये 164 मीटर लंबा, 18 मीटर चौड़ा है, पांच मंजिल वाली इमारत जितनी इसकी ऊंचाई होती है, ये ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है, 76 MM गन, 2 रॉकेट लॉन्चर भी इस पर लगे हैं. एंटी-सर्फेस गन, एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से लैस है. इस पर सबमरीन डिटेक्टर भी इसमें मौजूद हैं. जो दुश्मन को ढूंढ निकालने में मदद करता है.
इस रूट से होता है समुद्री व्यापार
भारत के समुद्री व्यापार के रूट की बात करें तो ये ज्यादातर देश के मुंबई, कोच्चि, मेंगलुरु, गोवा और चेन्नई से होता है. जिसके रूट का पहला पड़ाव सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड. वियतनाम तक है.उसके बाद चीन, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया तक जहाज जाते हैं. इसकी शुरुआत हिंद महासागर से होती है, इसके बाद अरब सागर से अदन की खाड़ी होते हुए जहाज आगे बढ़ते है. फिर लाल सागर और इसके आगे स्वेज नगर है. फिर भूमध्यसागर से डायवर्ट होकर जहाज यूरोपीय देशों में जाते हैं, फिर स्ट्रेट ऑफ जिब्राल्टर से अटलांटिक महासागर होते हुए अमेरिका तक जहाज जाते हैं. ये रूट कितना अहम है आप इसी से समझ सकते हैं कि अगर कोई समस्या आती है तो पूरा रूट चेंज हो जाएगा. पूरे सामान को केप ऑफ गुड होप से लाना पड़ेगा. मतलब लंबा रास्ता लेना पड़ेगा. इससे पूरे कारोबारी रूट की लंबाई 40 % बढ़ जाएगी. ज्यादा दूरी के लिए ज्यादा ईंधन खर्च करना पड़ेगा. ये बड़ा आर्थिक झटका होगा.
कैसे हिंद महासागर अरब सागर रूट पर है भारत का दबदबा
चाहे हूती विद्रोही भारत आने वाले जहाज को निशाना बना रहे हों या कोई और, सच तो सामने आ ही जाएगा. लेकिन पहले जानते हैं कि आखिर हिंदुस्तान की समंदर रूट वाली सत्ता से चिढ़ता कौन है. दरअसल हिंद महासागर अरब सागर रूट पूरी दुनिया के लिए अहम है और यहां भारत का दबदबा है. इस रूट पर सालाना 292 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होता है. जो दुनिया के कुल व्यापार का 30 % है. दूसरी अहम बात इस रूट पर 125 लाख करोड़ रुपये का कच्चा तेल जाता है, जो दुनिया के कुल कच्चे तेल व्यापार का 80% है.
तीसरी बड़ी बात इस रूट पर 83 लाख करोड़ रुपये का कंटेनरयुक्त कार्गो जाता है, जो दुनिया के कुल कंटेनरयुक्त कार्गो व्यापार का लगभग 25% है. चौथी अहम जानकारी ये है कि हिंदू महासागर अरब सागर रूट से हर दिन 10 हजार जहाज गुजरते हैं, जिसमें तेल टैंकर, मालवाहक, यात्री जहाज, सैन्य जहाज शामिल है. भारत का 80 % व्यापार समुद्री मार्ग से होता है. इसके लिए 90 % ईंधन समुद्री रास्ते से आता है. ये मार्ग सबसे अहम और किफायती है.