अमरनाथ यात्रा में इस बार यात्रियों को मिलेंगी ये नई सुविधाएं, सुरक्षा में तैनात होंगे 20 हजार जवान
भगवान भोलेनाथ के प्राकृतिक स्वरुप अमरनाथ दर्शन के लिए इस साल यात्रा 29 जून को शुरू हो रही है. 52 दिवसीय इस अमरनाथ यात्रा को निर्वाध संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. प्वाइंट जीरो से पवित्र गुफा तक दोनों मार्गों पर श्रद्धालुओं के लिए लंगर, कैंप और अस्पताल आदि की व्यवस्था की गई है.लंगर सेवा देने वाले संगठन अपने निर्धारित स्थानों पर अब पहुंचने भी लगे हैं.श्रीनगर के पंथाचौक में स्थित अमरनाथ यात्रा ट्रांसिट कैंप में पहुंचे राजस्थान के श्री अमरनाथ लंगर सेवा समिति और शिव शक्ति सेवा दल के सदस्यों के मुताबिक वह 15 साल से सेवा कर रहे हैं.
इस साल यात्रियों की संख्या अधिक होने की संभावना है. ऐसे में प्रशासन ने श्रीनगर के पंथा चौक पर हाल ही में बने यात्री निवास के पांच में से दो मंजिल को यात्रियों के लिए खोल दिया है. इस ट्रांजिट कैंप में 5000 यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है. इसी प्रकार बालटाल और चंदनवाड़ी में 100 बिस्तरों वाले दो डीआरडीओ के अस्पताल भी स्थापित किए गए हैं. यात्रा ट्रैक को दोनों एक्सिस से 12 फीट तक चौड़ा किया गया है. इस यात्रा में स्वच्छता का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी ग्रामीण स्वच्छता निदेशालय जम्मू-कश्मीर को दिया गया है.
10 से अधिक घाट बनाए
अधिकारियों के मुताबिक यात्रा मार्ग पर 10 से अधिक घाटों का निर्माण किया गया है. इन घाटों पर यात्रियों के स्नान करने और पूजा पाठ करने की सुविधा दी गई है. इसी प्रकार पहाड़ियों वाले दोनों ट्रैक के संवेदनशील स्थानों पर एहतियाती उपाय किए गए हैं. इसमें करीब 14 किलोमीटर क्षेत्र को दोनों तरफ से मजबूत रेलिंग से कवर किया गया है. अमरनाथ यात्रा में इस बार 38 हुनरमंद माउंटेन रेस्क्यू टीम लगाई गई हैं. इस एमआरटी में सशस्त्र पुलिस की 13 टीमें, एसडीआरएफ की 11 टीमें, एनडीआरएफ की 8 टीमें, बीएसएफ की 4 टीमें और सीआरपीएफ की 2 टीमें शामिल हैं.
सीसीटीवी से होगी निगरानी
इसके अलावा यात्रा में त्रिकुणी सुरक्षा ग्रिड में सीएपीएफ की 500 कंपनियों के अलावा अतिरिक्त 20 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. वहीं यात्रा मार्ग पर निगरानी रखने के लिए 360 डिग्री सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. सुरक्षा बलों ने जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे के अलग-अलग जगह पर हाईटेक कैमरे लगाए हैं. चूंकि अमरनाथ यात्रा हमेशा से ही आतंकियों के निशाने पर रहती हैं, ऐसे में यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों ने जम्मू और कश्मीर में डोर टू डोर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है.