Alcohol news: Whiskey का क्यों होता है भूरा रंग, जानिए इसके पीछे का कारण

आपने देखा होगा कि व्हिस्की, वोडका या बीयर अलग अलग तरीके की शराब होती है. यहां तक कि इनका रंग भी अलग होता है.जैस वोडका क्रिस्टल कलर की होती है तो व्हिस्की गोल्डन रंग या हल्के भूरे रंग की होती है. तो आज बात करते हैं व्हिस्की की. क्या आप जानते हैं व्हिस्की किस रंग (whiskey ka colour kaisa hota hai) की होती है और व्हिस्की के भूरे रंग के होने के बीच क्या कारण है और ये नैचुरल कलर होता है या फिर इसमें कलर मिलाया जाता है. जानते हैं इन सवालों के जवाब…

व्हिस्की के भूरे रंग (whiskey ka colour kaisa hota hai) होने की एक अहम वजह है वुडन बैरल. यानी लकड़ी का एक ड्रम. जब भी व्हिस्की को बनाया जाता है तो यह पहले क्रिस्टल कलर यानी पानी जैसी होती है.

लेकिन, इसे कई सालों तक इस वुडन बैरल में रखा जाता है, जिस वजह से इसका रंग बदल जाता है. इसी वजह से इसका रंग हल्की पीला होने लगता है. ऐसे में यह नैचुरल होता है. दरअसल, होता क्या है कि वुडन बैरल बनाते वक्त इसे हल्का टोस्ट किया जाता है, जिससे यह सॉफ्ट हो जाता है.

ऐसे में जब सूरज की रोशनी इस पर पड़ती है तो लिकर इससे बाहर निकलने की कोशिश करती है और यह लकड़ी के अंदर घुस जाती है. इसके बाद रात में यह इससे बाहर निकलती है, जिससे टोस्ट की गई लकड़ी से लिकर का रंग गोल्डन (whiskey news) होने लगता है.

ऐसे में इसकी ज्यादा एज होती है, उतना ही लिकर का रंग ज्यादा गोल्डन होने लग जाता है. हालांकि, कई बार व्हिस्की के कलर के लिए केरेमल कलर (caramel color) का इस्तेमाल किया जाता है. कलर का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है, क्योंकि यह पूरी शराब के रंग को एक जैसा करने के लिए किया जाता है.

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