भारत से हथियार खरीदने पर बौखलाया अजरबैजान, आर्मेनिया ने दिया मुंहतोड़ जवाब

कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहा आर्मेनिया तेजी से अपनी सैन्य शक्ति बढ़ा रहा है। आर्मेनिया के निशाने पर अजरबैजान है, जिसके साथ उसने दो साल पहले ही भीषण जंग लड़ी थी। इस जंग के दौरान आर्मेनिया को नागोर्नो काराबाख का एक बड़ा हिस्सा छोड़ना पड़ा था। आर्मेनिया ने भारत से पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर, 155 मिमी की सेल्फ प्रोपेल्ड तोप और जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल को खरीदा है। इससे आर्मेनिया का दुश्मन नंबर एक अजरबैजान चिढ़ा हुआ है। इसी को लेकर आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिन्यान ने अब जवाब दिया है।

आर्मेनिया के प्रधानमंत्री ने क्या कहा

शनिवार को गावर शहर में आयोजित ‘सिविल कॉन्ट्रैक्ट’ पार्टी के इनिशिएटिव समूह की बैठक में आर्मेनियाई पीएम निकोल पशिन्यान ने आर्मेनिया की सेना में सुधारों के कार्यान्वयन और हथियारों की खरीद को लेकर अजरबैजान की आपत्तियों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, “एक ओर, अजरबैजान, आर्मेनिया के सामने एक बड़े इलाके पर कब्जे की मांग करता है, घोषणा करता है कि वह अपनी सेना को मजबूत करेगा, दूसरी ओर, शिकायत करता है कि आर्मेनिया फ्रांस और भारत से हथियार खरीद रहा है। यह कैसा तर्क है? पशिन्यान ने कहा, “किसी भी देश को सेना रखने का अधिकार है, कोई भी इस पर सवाल नहीं उठा सकता।

अजरबैजान से शांति समझौते की अपील की

निकोल पशिन्यान ने कहा, “यह सब क्षेत्रीय सुरक्षा के संदर्भ में रखा जाना चाहिए। आर्मेनिया को अजरबैजान के हथियारों के बारे में चिंता हो सकती है, और अजरबैजान को आर्मेनिया के बारे में चिंता हो सकती है। यही कारण है कि हम कहते हैं कि आइए इस तरह से शांति समझौते पर हस्ताक्षर करें जिससे युद्ध संभव न हो।” हालांकि अजरबैजान ने आर्मेनिया के साथ किसी भी तरह के शांति समझौता करने से इनकार कर दिया है।

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