Women’s Day से पहले बड़ा खुलासा, देश की Top-500 कंपनियों में से सिर्फ 8 की कमान औरतों के पास

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस से सिर्फ कुछ दिन पहले एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. देश के कॉरपोरेट सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की कई कवायदों के बावजूद देश की टॉप-500 कंपनियों में से सिर्फ 8 की कमान ही औरतों के पास है.

सिर्फ दो दिन बाद भारत ही नहीं दुनियाभर में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाएगा. इससे ठीक पहले एक चौंकाने वाला डेटा सामने आया है कि तमाम कोशिशों के बाद भी देश के कॉरपोरेट सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी बहुत ज्यादा बढ़ नहीं पाई है. देश की टॉप-500 कंपनियों की लिस्ट ‘फॉर्च्यून इंडिया-500’ को देखें, तो महज 8 कंपनियों की कमान ही औरतों के हाथ में है.

जी हां, फॉर्च्यून इंडिया और एस. पी. जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च की एक जॉइंट स्टडी में पता चला कि देश की टॉप-500 कंपनियों में से महज 1.6 प्रतिशत की कमान महिलाओं के पास है. ये संख्या 8 कंपनी पर जाकर सिमटती है.

अगली पीढ़ी का बिजनेस एनवायरमेंट बेहतर

इसके अलावा स्टडी में फॉर्च्यून इंडिया नेक्स्ट-500 कंपनियों का डेटा भी चेक किया गया है. इसमें महिलाओं के हाथ में कमान वाली कंपनियों की संख्या करीब 5 प्रतिशत है. इस तरह ये आंकड़ा 25 कंपनी तक पहुंचता है. हालांकि अगर ओवरऑल पिक्चर को देखें तो देश की लगभग 1,000 कंपनियों में से महज 33 कंपनियां ही महिलाएं चला रही हैं.

देश के वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने कई स्तर पर प्रयास किए हैं. इसमें मैटरनिटी लीव से लेकर कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं को शामिल किए जाने की बात भी है.

 

स्टडी से सामने आती हैं ये जानकारियां भी

फॉर्च्यून इंडिया और एसपी जैन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च की स्टडी में देश के उद्योग जगत में लीडरशिप की भूमिका में पुरुष और महिलाओं के बीच के अंतर को भी दिखाती है. इस स्टडी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से कराया गया था. इसके लिए दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में करीब 16 राउंड टेबल मीटिंग्स हुईं. इसमें इंडस्ट्रीज से जुड़े करीब 130 प्रतिनिधि शामिल हुए.

खुद महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस स्टडी की जानकारियों को जारी किया. उन्होंने कहा कि ये स्टडी इंडस्ट्रीज और कंपनियों के भीतर जेंडर असमानता की स्वीकार्यता और करियर विकास के अवसरों को रेखांकित करता है.

फॉर्च्यून इंडिया कंपनियों की इनकम के आधार पर भारत की टॉप-500 कंपनियों की एनुअल लिस्ट पब्लिश करती है. जबकि नेक्स्ट 500 में वो कंपनियां आती हैं जो इनकम और अन्य मामलों में टॉप-500 बनने की राह पर हैं.

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