क्या आपको भारत में एक ऐसी नदी के बारे में जानते हैं, जिसके किनारे पर आपको हजारों शिवलिंग देखने को मिलेगी?

हमारे देश में कई ऐसी जगहें हैं जो प्राकृतिक रूप से प्रसिद्ध हैं और इन्हें महत्वपूर्णता दी जाती है। इन जगहों का पूजा-पाठ के लिए भी विशेष महत्व होता है। ये स्थान लोगों के भगवान पर विश्वास को और भी दृढ़ करते हैं। एक ऐसा ही मामला हम आपको बता रहे हैं, जिससे आप खुद हैरान हो जाएंगे।

 कर्नाटक राज्य में एक ऐसी नदी है, जिसके किनारे आपको हजारों शिवलिंग देखने को मिलेंगे। यह जानकारी उस नदी की भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि जो लोग इसकी पूजा-पाठ करते हैं, उनके लिए यह जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है और एक रहस्य से कम नहीं होती है।

भारत में एक पवित्र नदी स्थल को सहस्त्रलिंग कहा जाता है। यह नदी कर्नाटक राज्य के सिरसी से 14 किलोमीटर दूर बहती है। इस स्थान को शिवलिंग सलमा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके किनारे हजारों शिवलिंग देखे जा सकते हैं। इसलिए यहां शिव भक्तों का आना-जाना लगातार रहता है।

भारत एक तपोभूमि है और इसी कारण भारत की धरती पर बहने वाली नदी को शलमाता नदी कहा जाता है। महाशिवरात्रि के दिन यहां लाखों भक्तों का जनसैलाब लगा रहता है। भगवान शिव की पूजा-आराधना करने के लिए लोग दूर-दूर से इस स्थान पर आते हैं, क्योंकि यह स्थान स्वयं में अत्यंत पूज्य है।

मान्यता है कि ये सभी शिवलिंग विजयनगर साम्राज्य के सम्राट राजा द्वारा स्थापित किए गए थे। यदि आप इस स्थान पर घूमने जाते हैं, तो आप देखेंगे कि शिवलिंग के साथ पत्थर पर नंदी महाराज की भी मूर्ति बनी हुई है। कुल मिलाकर इस स्थान पर नंदी महाराज भगवान शिव के साथ विराजमान हैं।

यहां पर श्रावण मास के महीने में शिवरात्रि के सोमवार के दिन लगातार भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। लोग पूजा-पाठ करते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए दूर-दूर से आते हैं। भगवान सबकी मनोकामना पूरी करते हैं और लोगों का एक बारा विश्वास है कि उन्हें कभी टूटने नहीं देते। भगवान शिव की पूजा बहुत साधारण रूप से होती है क्योंकि उन्हें पूजा-पाठ में दिखावा और छल-कपट बिल्कुल पसंद नहीं है। वे भोले भंडारी हैं और उनके निर्मल मन से पूजा-अर्चना करना सही होता है।

 वैसे भी, भगवान केवल भाव के भूखे होते हैं, उनको आपके द्वारा चढ़ाई गई इसी तरह की सामग्री या पैसे की आवश्यकता नहीं होती है। इन सभी शिवलिंग का नदी के किनारे पर दिखने का रहस्य सामने आया है, क्योंकि धीरे-धीरे पानी का जलस्तर घटने लगा है। उसकी वजह से ये सभी शिवलिंग ऊपर की तरफ दिखाई देने लग गए हैं। इसे लोग किसी चमत्कार से कम भी नहीं मान रहे हैं।

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