“20 घंटे तक ज़ूम कॉल” : ‘शुद्ध शाकाहारी’ विवाद के बाद क्या हुआ? ज़ोमैटो के सीईओ ने बताया
ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने आज एनडीटीवी को बताया कि ज़ोमैटो की शीर्ष टीम ‘शुद्ध शाकाहारी’ भोजन वितरण सेवा की घोषणा के बाद हुए विवाद से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए 20 घंटे से अधिक समय तक ज़ूम कॉल पर थी. गोयल को आज एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड्स समारोह में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और एनडीटीवी के कार्यकारी निदेशक सेंथिल चेंगलवरायण से एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला. यह पूछे जाने पर कि युवा भारत को उनका संदेश क्या होगा, जो उनके जैसा सफल होना चाहता है, उन्होंने कहा, “मैं पंजाब के एक बहुत छोटे शहर से आता हूं. एकमात्र संदेश यह है कि आप कहीं भी पैदा हुए हों, चाहे आप किसी भी पृष्ठभूमि से आए हों, आप सफलता पा सकते हैं.”
…तो इसलिए हुई शुरुआत
दीपिंदर गोयल से इस सप्ताह की शुरुआत में ज़ोमैटो की ‘शुद्ध शाकाहारी’ फ्लीट की घोषणा पर बड़े पैमाने पर विवाद के बारे में सवाल पूछा गया था. इस सेवा के तहत ज़ोमैटो ने अपने ‘शुद्ध शाकाहारी’ डिलीवरी पार्टनर्स के लिए हरे रंग की वर्दी की भी घोषणा की थी. इस घोषणा से सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया. कुछ यूजर्स ने इस फैसले की आधुनिक जातिवाद से तुलना की. कुछ ने व्यावहारिक समस्याओं की ओर इशारा किया. कुछ उपयोगकर्ताओं ने बताया कि कैसे शाकाहारी भोजन के ऑर्डर के लिए एक अलग रंग मांसाहारी खाने का ऑर्डर करने वालों के लिए परेशानी पैदा कर सकती है. उन्होंने कहा कि किरायेदारों से उनके खान-पान की आदतों के बारे में मकान मालिक पूछताछ कर सकते हैं और शाकाहारियों के प्रभुत्व वाले आवासीय परिसरों में कुछ दिनों में लाल वर्दीधारी ज़ोमैटो भागीदारों को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा सकता है.
ऐसे किया विवाद का सामना
गोयल और उनकी टीम ने इस पर त्वरित प्रतिक्रिया दी और अलग वर्दी योजना को रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि ज़ोमैटो के पास ‘शुद्ध शाकाहारी’ फ्लीट होगा और यह ऐप पर दिखाएगा कि वह इस सेवा को चुनने वाले ऑर्डर वितरित कर रहा है, लेकिन सभी डिलीवरी पार्टनर लाल वर्दी पहनना जारी रखेंगे. एनडीटीवी से बात करते हुए, गोयल ने बताया कि किस चीज़ ने उन्हें ‘शुद्ध शाकाहारी’ फ्लीट पेश करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा, “हमने एक बड़ा सर्वेक्षण किया, जिसमें कहा गया कि ‘क्या चीज़ आपको ज़ोमैटो से अधिक ऑर्डर करने के लिए प्रेरित करेगी’ और यह बात सामने आई.”
क्या स्विगी से ऑर्डर किया?
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, गोयल ने पहले इस बात पर जोर दिया था कि ‘शुद्ध शाकाहारी’ सेवा सख्ती से किसी व्यक्ति के धर्म या जाति की परवाह किए बिना आहार प्राथमिकता प्रदान करती है. उन्होंने कहा था, “कृपया ध्यान दें कि यह प्योर वेज मोड, या प्योर वेज फ्लीट किसी भी धार्मिक या राजनीतिक मान्यता को पूरा नहीं करता है.” हल्के-फुल्के अंदाज में, एनडीटीवी ने गोयल से यह भी पूछा कि क्या उन्होंने कभी फूड डिलीवरी एग्रीगेटर क्षेत्र में ज़ोमैटो के शीर्ष प्रतिस्पर्धी स्विगी के माध्यम से खाना ऑर्डर किया है. “कभी नहीं,” उसने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया.