भारत में ही नहीं, दुनिया की नंबर वन कंपनी बन गई इफको, इस मामले में

इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) को आप जानते ही होंगे। वही, सहकारी क्षेत्र की रासायनिक खाद बनाने वाली कंपनी। इस कंपनी को पुनः दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी संगठनों की सूची में पहला स्थान मिला है। यह रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है। यह दर्शाता है कि इफको राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है ।

किसकी सूची में मिला है इफको को पहला स्थान

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक संगठन है, इंटरनेशन कोओपरेटिव एलायंस (International Cooperative Alliance)। यह एक गैर सरकारी कोओपरेटिव संगठन है, जिसकी स्थाना साल 1885 में हुई है। इसी इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (ICA) की 12वीं वार्षिक वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर (WCM) रिपोर्ट के 2023 संस्करण के अनुसार यह देश के सकल घरेलू उत्पाद एवं आर्थिक विकास में इफको के कारोबारी योगदान को दर्शाया गया है। कुल कारोबार के मामले में इफको पिछले वित्तीय वर्ष के अपने 97वें स्थान के मुकाबले 72वें स्थान पर पहुंच गया है। अपनी 35,500 सदस्य सहकारी समितियों, 25,000 पैक्स और 52,400 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों के साथ इफको ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की ओर अग्रसर सहकार से समृद्धि का सशक्त उदाहरण है।

कई वर्षों से है इस स्थान पर

इफको ने पिछले कई वर्षों से अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है जो इफको और इसके प्रबंधन के सहकारी सिद्धांतों में अटूट भरोसे का प्रमाण है। इसे देश में मजबूत सहकारी आंदोलन के प्रतीक के रूप में भी देखा जा सकता है, जिसे केंद्र द्वारा सहकारिता मंत्रालय के गठन और श्री अमित शाह जी, माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, भारत सरकार के कुशल नेतृत्व से गति मिली है। मंत्रालय द्वारा की गई पहल से अनुकूल माहौल बना है और भारत में सहकारिता आंदोलन को फलने-फूलने में मदद मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्येय “सहकार से समृद्धि” से प्रेरणा लेते हुए और विभिन्न फसलों पर वर्षों की कड़ी मेहनत, अनुसंधान और प्रयोग की बदौलत इफको ने किसानों के लिए दुनिया का पहला नैनो यूरिया और नैनो डीएपी विकसित किया।

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