भारत को सतत विकास और निवेश बढ़ाने के लिए सुधार जारी रखने चाहिए’, आईएमएफ अधिकारी ने दी सलाह

म लोगों के खर्च में इजाफा होने और सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाने से भारत सतत विकास की राह आगे बढ़ रहा है। तमाम वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत की यह प्रगति बनी हुई है। आईएमएफ की एशिया पैसिफिक विभाग की निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन ने यह दावा किया है।

उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 6.8% विकास दर का आंकड़ा बहुत प्रभावी है और यह आमलोगों के बीच उपभोग और सार्वजनिक संपत्ति में सरकार की ओर से निवेश बढ़ाने के कारण है।

श्रीनिवासन ने कहा कि भारत कोरोना महामारी और हाल के दिनों में पश्चिम एशिया में बढ़े तनाव जैसी चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटने में सफल रहा है। भारत की वृद्धि क्षमता को स्वीकार करते हुए उन्होंने जनसांख्यिकीय लाभ का पूरी तरह लाभ उठाने के लिए भारत में सुधारों की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

भारत में हर साल लगभग 1.5 करोड़ लोग श्रम बल में जुड़ सकते हैं

आईएमएफ के अधिकारी ने भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, श्रम कानूनों और कारोबारी माहौल में महत्वपूर्ण निवेश पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों को मिलकर सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है ताकि देश अपनी आर्थिक क्षमताओं को साकार कर सके। उन्होंने कहा, “मैं अब इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि भारत एक युवाओं की बढ़ती आबादी वाला देश है। भारत में हर साल लगभग 1.5 करोड़ लोग श्रम बल में जुड़ सकते हैं। यदि आप इस मानव संसाधन का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको बहुत सारे सुधारों की आवश्यकता होगी।” उन्होंने कहा, “मैं शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र में उल्लेखनीय निवेश पर जोर देना चाहूंगा ताकि बढ़ता श्रम बल अर्थव्यवस्था में उत्पादक योगदान दे सके।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि भारत को अपनी व्यापार व्यवस्था को भी उदार बनाने की जरूरत है ताकि पाबंदियां हटाई जा सकें ताकि कंपनियां आपस में प्रतिस्पर्धा कर सकें। आपको एफडीआई के लिए माहौल को और आकर्षक बनाना होगा।”

श्रीनिवासन ने चीन के बराबर या उससे भी अधिक वृद्धि दर बनाए रखने के लिए भारत में सुधारों के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की स्थिति को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, ‘चीन भारत से चार गुना बड़ा है। भारत के लिए मध्यम अवधि की अच्छी संभावनाएं 6.5% पर बहुत अच्छी हैं। यह उससे बेहतर कर सकता है, लेकिन इसके लिए भारत में वे सुधार होने जरूरी हैं, जिनकी देश को जरूरत है।

भारत अगले कई वर्षों में 6.5% या उससे अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकता है

श्रीनिवास ने कहा कि भारत अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल कर सुधारों को शुरू करता है तो अगले कई वर्षों में 6.5% या उससे अधिक की जीडीपी हासिल कर सकता है। उन्होंने जीडीपी वृद्धि दर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने पर चिंता भी जाहिर की। इसके बावजूद उन्होंने भारत सरकार की ओर से डेटा गुणवत्ता और पारदर्शिता में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भरोसा जताया।

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत सरकार गुणवत्ता ठीक करने और आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार करने की कोशिश में सक्रियता से काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार ने पूंजीगत व्यय के मामले में काफी निवेश किया है। बुनियादी ढांचे की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेल, सड़क, हवाई अड्डे और अन्य सभी क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है। भारत सरकार ने इस पर जितनी राशि खर्च की है, उससे बुनियादी ढांचे का अंतर घटा है। उन्होंने कहा, “पिछले कई साल में खराब बैलेंस शीट साफ हुई है और कॉरपोरेट अब अपने स्वयं के निवेश और वित्तपोषण के मामले में बेहतर हुए हैं। आने वाले समय में निजी निवेश भी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।”

श्रीनिवासन ने डिजिटल बुनियादी ढांचे में भारत की उपलब्धियों, विशेष रूप से डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) जैसी पहलों को अनुकरणीय माना है। श्रीनिवासन ने वैश्विक लाभ के लिए अपनी तकनीकी प्रगति का लाभ उठाने के लिए भारत की क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘यह डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। इससे देश की उत्पादकता भी बढ़ेगी। श्रीनिवासन ने कहा कि आईएमएफ सिंगापुर में एक व्यापक रिपोर्ट जारी करेगा जिसमें वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों और भारत जैसे देशों पर उसके प्रभाव के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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