खुल्लम खुल्ला चल रही थी फोन टैपिंग, तुरंत एक्शन में आए DGP, डीसीपी को अरेस्ट करने का दिया आदेश
हैदराबाद पुलिस ने कमिश्नर टास्क फोर्स के एक पूर्व डीसीपी को शुक्रवार को फोन टैपिंग और कुछ कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक डेटा को नष्ट करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया. पूर्व पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राधाकिशन राव को एक स्थानीय जेल में भेज दिया गया है. पुलिस द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया, “मामले में जांच के हिस्से के रूप में, राधाकिशन राव को कल बंजारा हिल्स पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए बुलाया गया था और पूछताछ के दौरान उन्होंने प्रोफाइल विकसित करने की साजिश के कथित अपराधों में अपनी संलिप्तता को कबूल कर लिया है. वो निजी लाभ के लिए निर्धारित आधिकारों और संसाधनों का शोषण कर रहे थे.
जैसे ही मामला डीजीपी के संज्ञान में आया उन्होंने इस प्रकरण पर जांच के आदेश दिए. डीसीपी के कबूलनामे के आधार पर उन्हें अरेस्ट कर लिया गया. दावा किया गया है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर और अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर सबूतों को गायब करके उनकी अवैध गतिविधियों के सबूत नष्ट करने का काम उन्होंने किया. कबूलनामे पर उन्हें आज सुबह लगभग 8 बजे जांच अधिकारी ने गिरफ्तार कर लिया और एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया. विज्ञप्ति में कहा गया है कि न्यायिक हिरासत की मांग की गई, जिसे स्वीकार कर लिया गया. वो 12 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल में रहेंगे.
पुलिस ने पहले कहा था कि 13 मार्च को उन्होंने प्रणीत राव को गिरफ्तार किया गया था. उसपर कई व्यक्तियों के प्रोफाइल विकसित करने और उन्हें गुप्त रूप से बिना अनुमति अवैध रूप से निगरानी करने के अलावा कुछ कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक डेटा को नष्ट करने का आरोप है. मामले की जांच के तहत, पुलिस ने हाल ही में पूर्व एसआईबी प्रमुख टी प्रभाकर राव और कमिश्नर टास्क फोर्स के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त पी राधाकिशन और एक तेलुगु टीवी चैनल के एक वरिष्ठ कार्यकारी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया था.