इस राजा के मकबरे को खोलने से क्यों डरते हैं पुरातत्वविद? चीन से है खास रिश्ता

इतिहास में ऐसे कई राजा हुए जिनके मरने के बाद उनके मकबरों को बेहद तिलस्मी ढंग से बनाया गया. ऐसा ही एक मकबरा चीन में है. ये मकबरा है चीन के पहले राजा का. इस मकबरे को ऐसे बनाया गया है कि इसे खोलने में बड़े-बड़े पुरातत्वविदों की हालत खराब हो रही है.

मकबरे का रहस्य

हम जिस सम्राट के मकबरे की बात कर रहे हैं वो क्विन शी हुआंग का प्राचीन मकबरा है. चीन के प्राचीन इतिहासकार सिमा कियान ने क्विन शी हुआंग के मकबरे के बारे में उनकी मृत्यु के लगभग एक शताब्दी बाद लेख लिखा था और इस मकबरे से जुड़े खतरों के बारे में सभी को आगाह किया था. इसके बाद से ही कोई भी इसे खोलने में झिझकता है.

तीर कमान और पारा है तैयार

बिजनेस इनसाइडर में प्रकाशित एक रिपोर्ट दावा करती है कि इस मकबरे को बनाने में कारिगरों ने एक खास तकनीक का इस्तेमाल किया है. दरअसल, इस मकबरे में तैनात सभी पत्थर के सैनिकों के हाथ में तीन धनुष है और हमले की मुद्रा में हैं. इसके अलावा इस मकबरे में पारे की एक जटिल प्रणाली मौजूद है जो अंदर ही अंदर प्रवाहित होती रहती है.

2000 साल पुराना है रहस्य

इस मकबरे की खोज पहली बार 1974 में चीन के शानक्सी प्रांत में कुछ किसानों ने की थी. लेकिन जब पुरातत्वविदों ने इसके बारे में रिसर्च की तो पता चला कि ये मकबरा चीन के पहले सम्राट का है और इसकी उम्र करीब 2000 साल है. मकबरे के आसपास की खुदाई में मिट्टी की एक विशाल सेना जमीन के अंदर दफ्न मिली थी.

इस सेना को टेराकोटा सेना कहते हैं. जब इसे पूरी तरह से खोदा गया तो पता चला कि इस मकबरे की सुरक्षा में मिट्टी के 8000 सैनिक तैनात थे. सबसे बड़ी बात कि सेना की ये मूर्तियां ऐसी लगती हैं जैसे अगर इनमे जान डाल दिया जाए तो ये जी उठेंगी. इस पर हॉलीवुड की एक फिल्म भी बनी है.

अमर होने की कोशिश कर रहा था राजा

क्विन साम्राज्य के संस्थापक क्विन शी हुआंग के बारे में कहा जाता है कि उन्हें जब लगने लगा कि वो मरने वाले हैं तो उन्होंने अपनी सम्राट की गद्दी छोड़ दी और अपने चिकित्सकों को आदेश दिया कि पूरे चीन के कोने-कोने में ऐसी दवा खोजें भेजा जिसे खाकर वो अमर हो जाएं. राजा के आदेश पर उनके चिकित्सकों ने उन्हें एक खास तरह की दवा दी.

कहा जाता है कि इस दवा में पारा मिला होता था. हालांकि, ये दवा उन्हें फायदा करने के बजाय नुकसान करने लगी. यही वजह है कि कुछ इतिहासकार दावा करते हैं कि उनकी मौत के कुछ ऐसे लक्ष्ण थे जो मर्क्युरी पॉइजनिंग की ओर इशारा करते हैं.

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