थार रेगिस्तान के साइंटिस्ट! ना साबुन ना पानी, सिर्फ रेत से चमचमा दिए जूठे बर्तन

भारत में ऐसी कई चीजें हैं, जिसे प्राचीन काल में जमकर इस्तेमाल किया जाता था. पारंपरिक तरीकों को धीरे-धीरे भुला दिया गया. इन्हें भूलने में सबसे बड़ा हाथ रहा वेस्टर्न मार्केट का. पश्चिम देशों ने अपने प्रॉडक्ट्स को बेचने के लिए भारत के पारंपरिक तरीकों में लाख बुराइयां निकाल दी और अपने सामान बेचने लगे. लेकिन जब भारत के लोग इन चीजों से दूर हो गए, तब ये विदेशी इन तरीकों को अपनाने लगे.

अगर भारत के इतिहास को देखें तो योग अभ्यास काफी प्राचीन है. लेकिन भारत में लोगों ने इसे भूला दिया और जब पश्चिम में इसे अपनाया गया, तब इसे फैशन की तरह भारत में फिर से इंट्रोड्यूस किया गया. ठीक उसी तरह ऐसे कई प्रैक्टिस हैं, जो प्राचीन भारत में अपनाई जाती थी. सोशल मीडिया पर राजस्थान में बर्तन धोने का ऐसा ही पुराना तरीका दिखाया गया, जो अब वायरल हो रहा है.

बिना साबुन-पानी के धुलाई

सोशल मीडिया पर राजस्थान के थार रेगिस्तान का एक वीडियो शेयर किया गया. इसमें एक शख्स को गंदे बर्तन धोते देखा जा सकता है. बेहद गंदे इन बर्तनों को धोने के लिए शख्स ने ना साबुन का इस्तेमाल किया ना पानी का. सिर्फ रेत की मदद से पलभर में शख्स ने गंदे बर्तनों को चमचमा दिया. वीडियो में शख्स ने जिस तरह से बर्तन मांजे, उसे देख लोगों ने उसे साइंटिस्ट बता दिया.

लोगों ने की तारीफ

ये वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, वायरल हो गया. लोगों ने वीडियो देखने के बाद इसे भारत के कई इलाकों में बर्तन धोने का प्राचीन तरीका बताया. पहले के समय में लोग रेत से ही बर्तन धोते थे. लेकिन उसके बाद कई पश्चिम देशों की कंपनियों ने बर्तन धोने के साबुन मार्केट में उतारे और इस तरीके को गंदा बताया. अब जब इस वीडियो को शेयर किया गया, तो लोग हैरान रह गए कि कैसे सिर्फ रेत की मदद से शख्स ने बर्तनों को चमचमा दिया.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *