दुनिया के एकमात्र ॐ आकृति में बने शिव मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा, सॉन्‍ग भी लॉन्‍च, भव्यता मोह लेगी मन

राजस्थान के पाली जिले में दुनिया के पहले ओम की आकृति वाले शिव मंदिर की दिव्‍यता श्रद्धालुओं का मन मोह रही है. ॐ के आकार में बने इस शिव मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा 19 फरवरी को होने के बाद से यहां बड़ी संख्‍या में शिव भक्‍त पहुंच रहे हैं. मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सीएम भजनलाल शर्मा सहित अनेक गणमान्‍य मौजूद रहे थे. यहां सोमेश्वर नारायण शर्मा ने खुद का कंपोज़ किया गया दुनिया का पहला ॐ सॉन्‍ग लाँच किया था.

दुनिया के पहले ॐ आकार वाले इस मंदिर का निर्माण 1995 से शुरू हुआ था और 4 मंजिलों वाला यह शिव मंदिर करीब 250 एकड़ में बनाया गया है. इस मंदिर में कुल 108 खंभे हैं. शिव नाम की 1008 प्रतिमाएं और 108 कक्ष बनाए गए है. 250 एकड़ में चार मंजिला इमारत और 108 कमरे इस प्रकार बनाए गए हैं कि ओम आकार साकार होता है. यह मंदिर इतना भव्य है कि इससे बनने में 28 साल का समय लग गया.

भव्य मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग स्वरूप भगवान शिव का मंदिर

ॐ आकार वाले मंदिर के स्वामी महेश्वरानंद महाराज ने बताया कि दुनिया का यह ऐसा पहला मंदिर है. यहां शिव मंदिर के साथ सात ऋषियों की समाधि भी है. इस मंदिर में खास बात यह है कि आश्रम के निर्माण में धौलपुर का गुलाब बंसी पहाड़पुर का पत्थर उपयोग में लिया गया है. मंदिर में पहाड़ और तालाब भी कृत्रिम बनाए गए हैं. ओम आकार के भव्य मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग स्वरूप भगवान शिव का मंदिर है. साथ ही 1008 प्रतिमाएं भगवान शिव की इस मंदिर में लगी हुई हैं.

देश दुनिया से आए श्रद्धालुओं के बीच हुआ समारोह, निखर गया मंदिर

मंदिर का शिखर 135 फीट ऊंचा है. सबसे ऊपर वाले भाग में शिवलिंग है. शिवलिंग पर ब्रह्मांड की आकृति है. इस मंदिर में खास बात यह है कि आश्रम के निर्माण में धौलपुर का गुलाब बंसी पहाड़पुर का पत्थर उपयोग में लिया गया है. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में देश-विदेश के सैकड़ों लोग आए. उनके ठहरने और खाने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई. विदेशी मेहमानों के लिए सौ सुइट्स होम बनाए गए. आश्रम में तीन हेलीपैड भी तैयार करवाए गए थे. श्रद्धालुओं का कहना है ि‍कि मंदिर में प्राण प्रतिष्‍ठा हो जाने के बाद से इसकी दिव्‍यता निखर गई है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *