इस जीव को कहते हैं सांप की ‘मौसी’, नर के बिना दे सकती है बच्चों को जन्म! क्या आप बता पाएंगे नाम?

बच्चों को उनके माता-पिता एक काल्पनिक कहानी जरूर सुनाते हैं जो बिल्ली और शेर (Sher ki Mausi) से जुड़ी है. जिससे साबित होता है कि बिल्ली, शेर की मौसी है. पर क्या आप जानते हैं कि सांप की भी ‘मौसी’ (Saanp ki Mausi) होती है? सांप की मौसी के बारे में अधिक जानकारी देने से पहले, चलिए आपको बता देते हैं कि बिल्ली को क्यों शेर की मौसी कहते हैं.

इस कहानी में, शेर अपने बच्चों को बिल्ली के पास हुनर सीखने के लिए भेजता है. वो सारे गुण सिखा देती है, सिर्फ एक को छोड़कर. बिल्ली उन्हें पेड़ पर चढ़ना नहीं सिखाती. बाद में जब बिल्ली और शेर में ठनती है और शेर उसकी जान का दुश्मन बन जाता है, तो बिल्ली भागकर पेड़ पर चढ़ जाती है और शेर नहीं चढ़ पाता. इससे समझ आता है कि बिल्ली चालाक है, और समझदारी में शेर से ज्यादा होशियार है, इस वजह से वो उसकी ‘मौसी’ हुई. ऐसा कहने के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है, ये सिर्फ कहानियों से प्रचलित हो गया.

किसे कहते हैं सांप की मौसी?

इसी प्रकार सांप की भी एक मौसी है. हालांकि, इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है. हम बात कर रहे बभनी की. बभनी को अंग्रेजी में स्किंक (Skink) कहा जाता है. ये रेप्टलाइल प्रजाति का एक जीव है जो दिखने में सांप और छिपलकली जैसा है. हालांकि, उनसे काफी अलग है. इन्हें सांप की मौसी कहने के पीछे इनका लुक है. दिखने में ये सांप और छिपकली की तरह हैं पर इनके पास पैर होते हैं. सांप के पास पैर नहीं होते, इस वजह से चलने के मामले में ये उनसे बेहतर हुए. बस यही कारण है कि इन्हें सांपों की मौसी का दर्जा मिला है.

भारत में हैं 62 प्रजातियां

इनकी चमड़ी सांपों की तुलना में काफी चमकीली और सॉफ्ट होती है, जो छिपकली की भी नहीं होती. बभनी मैदानों में या घरों में आसानी से दिखती हैं मगर ये खतरनाक नहीं होती हैं. ये शर्मीले होते हैं, इनमें जहर नहीं होता. छिपकलियों की तुलना में इन्हें छिपकर रहना पसंद है. द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में जूओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( Zoological Survey of India) ने इंडिया में बभनियों की प्रजाति की गिनती की. ZSI ने भारत में बभनी की 62 प्रजातियों (62 species of skinks in India) का पता लगाया. इनमें से अधिकतर तो सिर्फ भारत में मिलती हैं.

बिना नर के भी पैदा कर सकती है बच्चे

अब बात करते हैं इससे जुड़े सबसे अनोखे फैक्ट के बारे में. वो ये कि ये जीव बिना नर के भी बच्चा पैदा कर सकता है. कनाडा की मैक्वायर यूनिवर्सिटी (Macquarie University) में एक शोध हुआ था जिसके अनुसार मादा बभनी शरीर में नर के शुक्रणुओं को मेटिंग के बाद स्टोर कर लेती है. इसी स्पर्म के जरिए वो सालभर से भी ज्यादा समय के बाद बिना मेटिंग के बच्चे पैदा कर सकती है. ये रिसर्च जर्नल ऑफ हेरिडिटी (Journal of Heredity) में छपी थी. डलहाउजी यूनिवर्सिटी के डिपार्मेंट ऑफ बायोलॉजी (Dalhousie University’s Department of Biology) की डॉ. जुलिया रीले (Dr. Julia Riley) ने भी एक हैरान करने वाला खुलासा किया था. उन्होंने कहा था कि अगर कोई मादा किसी दूसरे नर से मेटिंग करती है तो उसका पार्टनर नर उससे अलग हो जाता है. यही कारण है कि मादा किसी दूसरे नर के साथ मेट नहीं करती. नर की गैरमौजूदगी में वो उसके स्पर्म का प्रयोग करती है. इस तरह कुछ लोगों का मानना है कि ये जीव प्यार की अनोखी परिभाषा गढ़ता है

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