यूपी: शाहजहांपुर में निकला ‘लाट साहब’ का जुलूस, होली पर भैंसा गाड़ी पर क्यों बैठाया जाता है शख्स

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में होली के दिन एक परंपरा के तहत निकाले जाने वाला ‘लाट साहब’ का जुलूस सोमवार को अपने निर्धारित समय से दो घंटे पहले ही संपन्न हो गया। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया कि शहर में बड़े ‘लाट साहब’ का जुलूस पूर्वाह्न नौ के बाद शुरू हुआ और दोपहर लगभग 12 बजे संपन्न हो गया। उन्होंने बताया कि इसी तरह, आरसी मिशन क्षेत्र में निकाला जाने वाला छोटे ‘लाट साहब’ का जुलूस भी पूर्वाह्न करीब 9 बजे शुरू होकर लगभग 11 बजे संपन्न हो गया।

उन्होंने बताया कि छोटे लाट साहब का जुलूस शहर के काफी संवेदनशील क्षेत्र से होकर गुजरा, लेकिन कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। शाहजहांपुर में निकाला जाने वाला लाट साहब का जुलूस एक अनूठी परंपरा पर आधारित है। इसमें एक व्यक्ति को प्रतीकात्मक लाट साहब बनाकर भैंसा गाड़ी पर बैठाया जाता है। यह जुलूस फूलमती मंदिर पहुंचता है, जहां लाट साहब माथा टेकते हैं।

ऊंट पर बैठाकर नवाब को घुमाया

स्वामी शुकदेवानंद कॉलेज में इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर विकास खुराना ने बताया कि शाहजहांपुर शहर की स्थापना करने वाले नवाब बहादुर खान के वंश के आखिरी शासक नवाब अब्दुल्ला खान के घर 1729 में होली के त्योहार पर हिंदू और मुस्लिम, दोनों ही धर्मों के मानने वाले लोग होली खेलने गए थे। नवाब ने उनके साथ होली खेली थी। खुराना के अनुसार, बाद में नवाब को ऊंट पर बैठाकर पूरे शहर में घुमाया गया था, तब से यह परंपरा बन गई।

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