अच्छा… तो बेगम की खिदमत में ये काम करते थे नवाब! सीख लीजिए, पत्नी रहेगी मेहरबान

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, जिसे नवाबों का शहर कहा जाता है, अपनी विशेषताओं और विलासिता के लिए विख्यात है.यहां की नवाबी शैली, अदाकारी और तहजीब ने इसे दुनिया भर में मशहूर बनाया है.लेकिन आज हम लखनऊ के बारे में नहीं, बल्कि इस शहर के नवाबों की लव स्टोरी के बारे में बात करेंगे.अवध के नवाबों की लव स्टोरी उनके रोमांटिक और अद्वितीय प्रेम कहानियों के लिए प्रसिद्ध हैं.

इन कहानियों में उनकी शानदार महलों, फूलो की बगिया और उनकी रची गई कविताओं की बात की जाती है. ये कहानियाँ उनकी रोमांचक जीवनशैली को दर्शाती हैं और लखनऊ के नवाबों के समृद्ध इतिहास का हिस्सा है.ऐसी ही एक कहानी का जिक्र किया लखनऊ के नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने.

बेगम के साथ नौकायानमसूद अब्दुल्लाह नवाब घराने से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने बचपन में बहुत सी कहानियां सुनी हैं.उनमें से कुछ कहानियां लखनऊ की संस्कृति पर आधारित थी, जैसे राजा-रानियों की कहानियाँ और कुछ भूत जिन्न की. उन्होंने बताया कि वे और उनके भाई-बहन रात का इंतजार करते थे ताकि कोई नई कहानी सुनने को मिले. ऐसी कई कहानियां हैं, जो आज भी याद आते तो बचपन के लम्हे ताजा हो जाते हैं. लेकिन जो एक कहानी मुझे याद आ रही है, वो है नवाबी दौर में नवाब गोमती नदी में नाव से अपनी बेगम के साथ घुमा करते थे.

म्यूजिक प्रोग्राममसूद अब्दुल्ला ने बताया कि नवाबी दौर में गोमती नदी के ऊपर बजरे हुआ करते थे.बजरे एक तरीके का बड़ा नाव होता है, जो दिखने में काफी बड़ा होता है. नवाब शाम के समय अपनी बेगम से साथ या अपने मुलजिमों के साथ घूमने निकलते थे और उसमे हमेशा म्यूजिकल प्रोग्राम होता था जैसे की गजले, ठुमरी, दादराधुन नदी के किनारे गूंजती रहती थी.बेगम को सुनाते थे कविताइसके साथ ही,बजरे पर घूमते हुए नवाब अपनी लिखी हुई कविताएं बेगम को सुनाते थे.उनकी आवाज में एक अनूठा जादू था,जो बेगम के दिल को छू लेता,और उनके बीच का प्यार और सम्मान दर्शाता था.इस कहानी में नवाबी दौर की शान और भव्यता के साथ-साथ प्यार और संगीत की मिठास भी है,जो इसे यादगार बनाती है.

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