Chanakya Niti : जीवन में न करें इन लोगों की मदद करने की बड़ी गलती, वरना खुद का हो जाएगा बड़ा नुकसान

चाणक्‍य नीति में सफल जीवन जीने के ऐसे सूत्र बताए हैं, जो आपके बहुत काम आएंगे. खासतौर पर सही और गलत व्‍यक्ति की पहचान करने में आचार्य चाणक्‍य की नीतियां आपको होने वाले नुकसान से बचा लेंगी.

आज हम चाणक्‍य नीति की वो बातें जानते हैं जो आपको गलत लोगों की संगत से बचाएंगी और आपकी जिंदगी को नरक होने से भी बचाएंगी. इसके लिए जरूरी है कि कुछ खास तरह के लोगों से दूर रहें और उनकी मदद करने की कोशिश कभी न करें.

इन लोगों के साथ नेकी करना खुद पर पड़ेगा भारी 

आचार्य चाणक्‍य ने अपने नीति शास्‍त्र चाणक्य नीति में एक श्‍लोक लिखा है.

मूर्खाशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च.
दु:खिते सम्प्रयोगेण पंडितोऽप्यवसीदति.

यानी कि जीवन में कभी भी मूर्ख व्‍यक्ति, दुष्‍ट महिला और हमेशा नकारात्‍मक रहने वाले व्‍यक्ति की मदद कभी नहीं करनी चाहिए.

मूर्ख व्यक्ति –

चाणक्‍य नीति के अनुसार मूर्ख व्‍यक्ति को कुछ भी समझाना या ज्ञान देना पत्‍थर को समझाने जैसा है. ऐसा व्‍यक्ति खुद तो कभी नहीं सुधरेगा, बल्कि उसकी संगत में आकर आप अपना ही समय और ऊर्जा बर्बाद करेंगे. ऐसे व्‍यक्ति से दूर रहना ही बेहतर है.

दुष्‍ट महिला या पुरुष –

दुष्‍ट महिला या पुरुष से दूर रहना ही बेहतर है क्‍योंकि ऐसे इंसान की आप कितनी भी भलाई करें, वो अपने स्‍वभाव से बाज नहीं आएगा.

बल्कि वो मौका मिलते ही आपको नुकसान पहुंचाएगा. वहीं दुष्‍ट या चरित्रहीन महिला का साथ आपके जीवन को जहन्‍नुम बना देगा, साथ ही आपके परिवार की समाज में बदनामी भी कराएगा. इसके अलावा ऐसे परिवार में जन्‍मी संतान भी संस्‍कारहीन होती है.

नकारात्‍मक व्‍यक्ति-

ऐसा व्‍यक्ति जो हमेशा निराश या नकारात्‍मक रहता हो, उससे कोसों दूर रहना चाहिए. ऐसा व्‍यक्ति अपनी नकारात्‍मक सोच के कारण खुद तो दुखी और असफल जीवन जिएगा ही,

साथ ही आपको भी नकारात्‍मक बनाकर आपका जीवन भी दुखी बना देगा. क्‍योंकि व्‍यक्ति की सोच जैसी होती है, उसका जीवन भी वैसा ही हो जाता है.

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