दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अनाथ मिली बच्ची को स्पेन की दंपती ले गई थी साथ, जानिए 10 साल बाद आज क्या हुआ

किसी ने सही ही कहा है कि हर बच्चा एक घर और प्यार का हकदार है। दिल्ली के रेलवे स्टेशन में खड़ी 2 साल की मासूम सौम्या को तो दोनों में से एक भी चीज नसीब नहीं हुई। बेहद ही कम उम्र में उसके नाम के साथ अनाथ शब्द जुड़ गया। कहते हैं न कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। आज सौम्या 12 साल की हो गई है और भारत नहीं बल्कि स्पेन में है। यही नहीं उसे गोद लेने वाले पिता जुआन एस्कारे जाने-माने स्पेनिश हॉकी खिलाड़ी हैं। सौम्या अब उनकी बेटी है और स्पेन में ही हॉकी खेलने का सपना देख रही है। जुआन एस्कारे साल 1996 में पहली बार एक खिलाड़ी के रूप में भारत आए और उनके शब्दों में यह तीर्थयात्रा जैसा अनुभव था। फिर 2005 में, जब वह अपनी पत्नी के साथ लौटे, तो उन्हें इस देश से प्यार हो गया। आइए जानते हैं कि सौम्या कैसे जुआन एस्कारे के परिवार का हिस्सा बनी। क्या है पूरी कहानी?

ओडिशा में हॉकी प्रो लीग चल रहा है और जुआन एस्कारे इस स्पेनिश हॉकी टीम के सहायक कोच के रूप में भारत आए हैं। एस्कारे का कहना है कि इस बार की उनकी भारत यात्रा और भी ज्यादा खास है। जुआन ने कहा कि यह मेरी बेटी सौम्या का घर है। एस्कारे का कहना है कि स्पेन के बंदरगाह शहर एलिकांटे में सौम्या एक खुशमिजाज, मजाकिया और हंसमुख बच्ची बन गई है और उनकी बेटी ने हॉकी सीखना भी शुरू कर दिया है। एस्केरे उन पलों को याद करते हैं जब वह दिल्ली से सौम्या को लेकर स्पेन आए थे। एस्कारे की एलिकांटे में सौम्या के शुरुआती दिनों की तस्वीरों को देखते हुए आंखें नम हो जाती हैं। उन्होंने याद किया कि कैसे ऊपर से पानी को गिरते देख छोटी सौम्या डर जाती थी। समुद्र में जाना, हॉकी की पिच पर कदम रखना सब उनकी यादों की एक किताब में है।

जुआन एस्कारे के जीवन में कैसे आई सौम्या?

एस्कारे बताते हैं कि जब उन्होंने अपनी बेटी मार्टिना के जन्म के बाद एक बड़ा परिवार बनाने का फैसला किया, तो उन्हें और उनकी पत्नी ग्रेसिया को गोद लेने का विचार आया। एस्करे कहते हैं कि हम किसी की मदद करना चाहते थे। स्पेन में गोद लेने की प्रक्रिया के तहत, सबसे पहले उस देश को चुनना होता है जहां से बच्चा होगा। एस्कारे के लिए चुनाव आसान था। वह कहते हैं कि हमें भारत को चुनने में दो सेकंड का समय लगा। और ऐसा क्यों नहीं? चेन्नई से चंडीगढ़ से हैदराबाद तक विभिन्न शहरों में खेलने और रहने वाले एस्कारे भारत में आरामदायक महसूस करते थे और उनके यहां बहुत अच्छे दोस्त थे और फिर, हॉकी थी। जुआन ने बताया कि मैं भारत की हॉकी टीम और पाकिस्तान की खेल शैली का भी बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मुझे यह सोचना अच्छा लगता है कि भारत का मेरे खेल और मेरे जीवन पर भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है और फिर, जब मैं अपनी पत्नी के साथ यहां आया, तो हम दोनों को ही देश से प्यार हो गया।

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