मां-बेटे ने फर्जी दस्तावेज देकर कराया 4.45 करोड़ का लोन, बैंककर्मियों ने खोजबीन की तो खुला भेद

गोरखपुर शाहपुर पुलिस ने एसटीएफ की मदद से जालसाज मां-बेटे को गिरफ्तार किया है। यह दोनों फर्जी दस्तावेज देकर 4.45 करोड़ का लोन लिया। यह राज तब खुला जब बैंककर्मियों ने किस्त न जमा करने पर खोजबीन करनी शुरू की।

जालसाज मां-बेटे ने अपने दो सहयोगियों की मदद से आईसीआईसीआई बैंक को 4.45 करोड़ का चपत लगा दिया। दूसरे की भूमि व मकान को अपना बताकर दो बार में लोन कराने के बाद रुपये निकालकर हजम कर गए। किश्त जमा न करने पर बैंककर्मियों ने खोजबीन की तो भेद खुला।

एसटीएफ की मदद से शाहपुर पुलिस ने मंगलवार को बस्ती जिले के रहने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उसकी मां और अन्य सहयोगियों की तलाश चल रही है। घटना में कुछ बैंककर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध है, इसकी जांच कराई जा रही है।

एसएसपी डाॅ. गौरव ग्रोवर व एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने मंगलवार दोपहर पुलिस लाइंस में पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बस्ती के मुरलीजोत में रहने वाला रुद्रांश पांडेय अपनी मां अर्चना व पिता राजेश के साथ शाहपुर के राप्तीनगर, ग्रीन वैली में मकान बनवाकर रहता है। मई 2022 को अर्चना व उनके पति राजेश ने आईसीआईसीआई बैंक की मेडिकल काॅलेज रोड शाखा में होम लोन के लिए आवेदन किया। इसके लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने के साथ ही दूसरे की भूमि को अपना बताकर 31 मई 2022 को दो करोड़ रुपये लोन पास करा लिया।

एसएसपी ने बताया कि अगस्त 2022 में बालाजीपुरम राप्तीनगर में रहने वाले रियाज नाम के व्यक्ति ने होम लोन के लिए आवेदन किया। खुद को भारतीय खाद्य निगम का ठेकेदार बताते हुए रियाज इंटरप्राइजेज के नाम से दस्तावेज प्रस्तुत किया। लोन पास कराने की पैरवी रुद्रांश कर रहा था। अगस्त में रियाज का भी 2.45 करोड़ रुपये होम लोन पास हो गया।

तीन माह के बाद किस्त जमा न होने पर बैंक के अधिकारियों ने खोजबीन शुरू की तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज पर रुद्रांश ने अपनी मां अर्चना व रियाज के नाम पर लोन कराया है। फोन करने पर उन्होंने अपना मोबाइल फोन बंद कर लिया।

एसएसपी ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आशुतोष मिश्र ने शाहपुर थाने में 12 अगस्त 2023 को पहला केस रुद्रांश उसकी मां अर्चना, रियाज व सहयोगी शरुफ के विरुद्ध कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी का दर्ज कराया। फिर दो जनवरी 2024 को अर्चना पांडेय, रुद्रांश, सीए एपीएनजी एसोसिएट व अन्य अज्ञात सहयोगी के विरुद्ध आशुतोष मिश्र ने दूसरा केस दर्ज कराया।

जांच में आरोप की पुष्टि होने पर मंगलवार की सुबह एसटीएफ की मदद से शाहपुर थाना पुलिस रुद्रांश पांडेय को गिरफ्तार किया। आरोपित के कब्जे से एक फॉच्यूनर गाड़ी, एक लैपटाप, नौ आधार कार्ड, 10 अदद पैन कार्ड, छह एटीएम कार्ड, 25 चेक बुक, दो पास बुक, नौ सील मोहर, आठ मोबाइल फोन, चार पेन ड्राइव, ड्राइविंग लाइसेंस व कूट रचित दस्तावेज बरामद हुए। अन्य आरोपितों की तलाश चल रही है।

बैंक कर्मियों की मिलीभगत की जांच कर रही पुलिस

एसएसपी ने बताया कि दोनों केस में वांछित अर्चना, रियाज समेत अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। अन्य पहलुओं पर भी जांच की जा रही है। लोन पास कराने में बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत को भी जांच में शामिल किया गया है।

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