भारत में पहली बार जापान की ऐसी तकनीक का होगा यूज, भूकंप आने से पहले झटकों को भांपकर रुक जाएगी बुलेट ट्रेन

देश में बुलेट ट्रेन तैयार करने के साथ ही ट्रेन को भूकंप के झटकों से सुरक्षित करने की भी व्यवस्था कर ली गई है। बुलेट ट्रेन को भूकंप के तेज झटकों से सुरक्षित रखने के लिए देश में पहली बार पूर्व सूचना देने वाली जापानी तकनीक का इस्तेमाल होने वाला है। अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन का मार्ग तैयार हो रहा है। बुलेट ट्रेन से रोजाना हजारों यात्रियों के सफर करने का अनुमान है। ऐसे में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर निर्माण कार्य के साथ ही भूकंप से यात्रियों की सुरक्षा का प्लान तैयार कर लिया है। बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरे मार्ग पर 22 भूकंपमापी यंत्र लगाए जाएंगे, ताकि समय रहते यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इन यंत्र को बुलेट ट्रेन के पिलर के करीब जमीन पर स्थापित किया जाएगा।

ऐसे काम करेगी तकनीक

जापानी शिनकानसेन तकनीक पर आधारित यंत्र प्रारंभिक भूकंप जांच प्रणाली का काम करेगा। प्राथमिक तरंगों के माध्यम से भूकंप-प्रेरित झटकों का पता लगाएगा। साथ ही, इस यंत्र को स्वचालित बिजली सप्लाई रोकने के लिए भी सक्षम बनाया गया है। बिजली बंद होने का पता चलने पर आपातकालीन ब्रेक सक्रिय हो जाएंगे और प्रभावित क्षेत्र में चलने वाली ट्रेनें रुक जाएंगी।

यहां लगेंगे यंत्र

जापानी यंत्र महाराष्ट्र से गुजरने वाले बुलेट ट्रेन के आठ स्थानों पर लगाए जाएंगे। महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे, विरार और बोइसर में यंत्र लगेंगे, गुजरात में वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, महेमदाबाद और अहमदाबाद होंगे। संरेखण के साथ ट्रैक्शन सब-स्टेशनों और स्विचिंग पोस्ट में सीस्मोमीटर स्थापित किए जाएंगे।

भूकंप संभावित क्षेत्र

भूकंप की पूर्व सूचना देने वाले कुछ 28 सीस्मोमीटर का देश में इस्तेमाल होने वाला है। इसमें 22 सीस्मोमीटर बुलेट ट्रेन के मार्ग पर, जबकि छह यंत्र भूकंप के संभावित क्षेत्रों महाराष्ट्र में खेड, रत्नागिरी, लातूर और पांगरी और गुजरात में अदेसार और पुराने भुज में स्थापित होंगे।

पूरा हो चुका है अधिग्रहण

मुंबई और अहमदाबाद के बीच बन रही देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है। 508 किमी लंबी इस परियोजना में 274.12 किमी पियर कास्टिंग का काम हो चुका है, जबकि गर्डर लॉन्चिंग का काम 127.72 किमी तक पहुंचा है। इस ट्रैक पर पहली ट्रेन अगस्त 2026 में चलने की संभावना है। इस प्रॉजेक्ट का 348.04 किमी हिस्सा गुजरात, 155.76 किमी महाराष्ट्र और 4.3 किमी हिस्सा दादरा एवं नगर हवेली में है। इस रूट पर 12 स्टेशन बनेंगे। बुलेट ट्रेन के शुरू हो जाने से मुंबई और अहमदाबाद के बीच का सफर मात्र साढ़े तीन घंटे में पूरा हो सकेगा। इस प्रॉजेक्ट पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च आने का अनुमान है। एनएचएसआरसीएल इस प्रॉजेक्ट को बना रही है। पहले इसकी डेडलाइन 2022 थी, जिसे बढ़ाकर 2023 किया गया। अब इस पर 2026 में ट्रायल शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।

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