ब्रिटिश सैन्य ताकत का प्रतीक है ये चट्टान, शिखर पर से ‘निकलते’ हैं बादल, पहले नहीं देखा होगा ऐसा नजारा!

जिब्राल्टर की चट्टान बड़ा ही अद्भुत है, जो 18वीं सदी से ब्रिटिश सैन्य ताकत का प्रतीक रही है. यह अपनी विशिष्ट बादल संरचनाओं के लिए जानी जाती है, जिन्हें ‘लेवंतर्स’ (Levanters) कहा जाता है. अब इससे जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखने पर ऐसा लगता है कि मानो इस चट्टान के शिखर पर से बादल निकल रहे हों. आपने ऐसा अद्भुत नजारा पहले नहीं देखा होगा!

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर ये वीडियो @MetOGibraltar नाम के यूजर ने पोस्ट किया है, जिसके कैप्शन में बताया गया है कि, ‘आज सुबह जिब्राल्टर की चट्टान पर कुछ बेहतरीन लेवंतर बादल!’. ये वीडियो महज 21 सेकंड का है, जो देखने में बड़ा ही अनोखा है.

लाइवसाइंस की रिपोर्ट के अनुसार, जिब्राल्टर की चट्टान ‘बैनर बादलों’ को पैदा करने के लिए जानी जाती है. जब चट्टान के शिखर से हवा टकरती है, जिसे लेवंत (Levant) के नाम से जाना जाता है. यह हवा जिब्राल्टर जलडमरूमध्य से पश्चिम की ओर बहती है. इसलिए, स्थानीय लोगों ने इन बादलों संरचनाओं को ‘लेवंतर्स’ कहते हैं. लेवंतर्स एक प्रकार के ‘बैनर बादल’ हैं, जो हवाएं तेज होने पर अलग-थलग, तीखी पर्वत चोटियों पर बनते हैं. इन्हें माउंट एवरेस्ट और मैटरहॉर्न जैसी चोटियों पर भी देखा जा सकता है.

कहां स्थित है ये चट्टान?

जिब्राल्टर की चट्टान ब्रिटिश टेरेटरी जिब्राल्टर में स्थित है, जिसकी ऊंचाई 1,398 फीट है. यह यूरोप के साउथ वेस्टर्न सिरे के पास इबेरियन प्रायद्वीप पर और भूमध्य सागर के प्रवेश द्वार के पास स्थित है. वहीं, Atlasobscura.com की रिपोर्ट में बताया गया है कि द रॉक ऑफ जिब्राल्टर में सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान ब्रिटिश सेना ने एक सीक्रेट चैंबर बनाया था, जिसे ‘स्टे बिहाइंड केव’ के नाम से जाना जाता है.

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