माता-पिता का मान हो, अपना नाम हो और समाज का काम हो, बैंक में बैठ सोचते थे वैभव

गौरव झा/रांची. वैभव कुमार ने बिना कहीं ट्यूशन या कोचिंग लिए देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में सफलता हासिल की है. मूल रूप से नालंदा के रहने वाले वैभव वर्तमान में रांची में रहते हैं और उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 151वां स्थान लाया है.

वैभव के पिता CCL में कार्यरत हैं और पूरा परिवार कांके में रहता है. वैभव के पिता बताते हैं कि वैभव शुरुआत से ही पढ़ाई में होनहार था आसनसोल से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई करने वाले वैभव ने दिल्ली से उच्च शिक्षा ली थी.

पिता वीरेश कुमार ने आगे बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद 2 साल तक उन्होंने सिटी बैंक में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम भी किया था. वैभव के पिता बताते हैं कि वैभव ने 2 बार यूपीएससी की परीक्षा दी. पहली बार बिना तैयारी के ही परीक्षा में बैठे थे तो दूसरी बार बेहतर तैयारी के साथ बैठे और रिजल्ट सफल हुआ. वैभव ने भी बताया कि पहली बार वो बिना तैयारी के परीक्षा में बैठे थे और इस बार पूरी तैयारी के साथ परीक्षा में बैठे थे और सफलता प्राप्त की.

बैंक में बैठकर यह सोचते थे वैभव
वैभव ने कहा कि क्या पढ़ना है, कैसे पढ़ना है इसकी पूरी तैयारी के साथ परीक्षा में बैठे थे. उन्होंने कहा कि सिटी बैंक में नौकरी के दौरान हमेशा सोचता था कि ऐसा काम करूं जिससे माता-पिता का मान हो, अपना नाम हो और समाज का भी काम हो. उन्होंने कहा कि देश की पॉलिसी को कैसे धरातल पर पहुंचाया जाए, इसका प्रयास आगे चल कर होगा. उन्होंने कहा कि नौकरी पाने के बाद पहली बार मम्मी ने ही बताया कि मैं UPSC पास हो चुका हूं.

मां ने दिया माहौल और बेटे ने की मेहनत
वैभव की मां सुनीता बताती हैं कि 26 वर्षीय वैभव ने बहुत मेहनत की थी और इस मेहनत में मैंने उसे माहौल दिया. उन्होंने कहा कि वैभव को हमेशा हम लोग समय पर सब कुछ देते थे. बचपन से ही इन्होंने प्राउड फील कराया था. कभी भी हमने इसे घर की जिम्मेदारी नहीं दी और हमेशा पढ़ाई पर फोकस कराया. वैभव की मां कहती हैं कि आज अष्टमी (16 अप्रैल) का दिन है और पिछले 20 वर्षों से वह अपने बच्चों के सफलता के लिए अष्टमी कर रही थीं और आज उसका फल उसे मिल गया है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *