वाह रे पेटीएम, 1 पैन कार्ड से खोल देते थे कई खाते, इन वजहों से होगा बंद

डिजिटल ट्रांजेक्शन का दूसरा नाम पेटीएम है. किसी भी दुकान से सामान खरीदने के बाद लोग सिर्फ इतना ही पूछते हैं कि पेटीएम कहां करें. पेटीएम का स्कैनर है क्या? लेकिन जो परिस्थितियां आज देखने को मिल रही है. उसका अंदाजा आम लोगों को तो क्या खुद पेटीएम को भी नहीं था. आखिर ये परिस्थितियां पैदा ही क्यों हुईं? आखिर पेटीएम ऐसा कौन सा काम कर रहा था, जिससे कंपनी के बंद होने की नौबत आ गई? पेटीएम में ऐसी बात का खुलासा हुआ, जिसने आरबीआई तक को हिलाकर रख दिया. वास्तव में पेटीएम ने एक ही पैन कार्ड से कई अकाउंट खोल डाले थे. लाखों अकाउंट्स का केवाईसी तक नहीं किया गया था. मनी लॉड्रिंग का खतरा मंडराने लगा. इन्हीं सब वजह से पेटीएम पर कड़ी कार्रवाई की गई. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर नोटबंदी के बाद जिस पेटीएम की तूती पूरे देश में बोल रही थी. यूपीआई ट्रांजेक्शन में जिसका दबदबा था, उस पर इस तरह की कार्रवाई क्यों की गई?

यहां हुई सबसे बड़ी चूक

शनिवार को पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने वर्चुअल टाउन हॉल में अपने कर्मचारियों से कहा था, चूक कहां और कैसे हो गई? अभी कुछ पता नहीं चला है. लेकिन पेटीएम की सबसे बड़ी चूक उसी गलती से हुई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पेटीएम पेमेंट बैंक के पास ऐसे लाखों अकाउंट्स हैं जिनका केवाईसी कभी नहीं हुआ है. इसके अलावा कई हजार ऐसे अकाउंट्स की फेहरिस्त है जिनमें एक ही पैन कार्ड यूज किया गया. जिसकी वजह से मनी लॉड्रिंग का शक पैदा हुआ.

ताज्जुब की बात तो ये है कि पेटीएम के करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट में से सिर्फ 4 करोड़ ई-वॉलेट एक्टिव है. उनमें से भी अधिकतर वॉलेट में या तो बैलेंस नहीं है या फिर ना के बराबर बैलेंस है. जिसकी वजह से आशंका पैदा हुई कि इनएक्टिव अकाउंट्स का यूज फेक अकाउंट्स के लिए किया जा सकता है. सभी नियमों को ताक पर रखकर लाखों रुपए के ट्रांजेक्शंस मिनिमम केवाईसी अकाउंट्स से किए गए. जिसकी वजह से पेटीएम आरबीआई के निशाने पर आ गया.

क्या दो साल से सुलग रही थी चिंगारी?

पेटीएम पर एक्शन अचानक से नहीं हुआ है. ये चिंगारी करीब दो सालों से सुलग रही थी. आरबीआई ने पेटीएम को कई बार चेतावनी दी. साथ ही पेटीएम पेमेंट्स बैंक और पेटीएम के बीच हुए ट्रांजेक्शंस डाटा को लेकर आरबीआई ने रेड फ्लैग्स भी दिए. उसके बाद भी पेटीएम फाउंडर ने इस समस्याओं का समाधान करने की जगह नजरअंदाज किया. आरबीआई ने कई बार पेटीएम को अलर्ट किया और इरेगुलेरीटीज रोकने को कहा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जिसके बाद आरबीआई ने अपना आदेश सुनाया. विजय शेखर शर्मा ने आरबीआई के नियमों को ताक पर रखा. 11 मार्च 2022 में ही आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने पर रोक लगा दी थी.

कंपनी के शेयरों में बड़ी गिरावट

लगातार तीन कारोबारी दिनों में पेटीएम के शेयरों में 42 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. मंगलवार को भी सुबह जब बाजार खुला तो कंपनी के शेयर करीब 10 फीसदी तक टूटे थे. जो बाद में रिकवर होते हुए दिखाई दिए. मंगलवार को सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर कंपनी का शेयर 3.27 फीसदी की तेजी के साथ 452.70 रुपए पर कारोबार कर रहा है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 472.50 रुपए के साथ दिन के हाई पर भी गया. वैसे सुबह कंपनी के शेयर में गिरावट की वजह से 400 रुपए के नीचे भी गया था और 395.50 रुपए के साथ 52 हफ्तों के लो पर पहुंच गया. 20 अक्टूबर के बाद से कंपनी का शेयर 60 फीसदी से ज्यादा नीचे आ चुका है.

रिलायंस का इनकार

वहीं दूसरी ओर पेटीएम के एक्शन के बाद खबर थी कि रिलायंस की नजरें पेटीएम के वॉलेट बिजनेस पर हैं. वहीं पेटीएम की बातचीत एचडीएफसी के साथ भी चल रही हैं. अब इस बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज और पेटीएम दोनों ने इस खबर को झुठला दिया है. रिलायंस और पेटीएम दोनों ने साफ कर दिया है कि इसको लेकर दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई है. वहीं इस मामले में एचडीएफसी बैंक की ओर से कोई बयान नहीं आया है. जियो फाइनेंशियल के शेयर सोमवार को 16 फीसदी तक उछल गए थे. अब क्लैरिफिकेशन सामने आ गया है. मंगलवार को जियो फाइनेंशियल के शेयर में 3.50 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है.

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