संसदीय समिति के सुझाव पर इन लोगों को मिल सकती है ट्रेन के किराए में 50% की छूट

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भारतीय रेलवे के द्वारा 2020 में वरिष्ठ नागरिकों का किराया बंद कर दिया था। लेकिन अभी हाल ही में रेलवे के द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के किरायों में 50% की छूट के बहाल के बारे में बताया। अब इन दिनों वापस से वरिष्ठ नागरिकों के किराया बहाली करने के लिए कदम उठाए जाएं। सन 2020 में कोरोना के चलते इस मांग को वापस ले लिया गया था। लेकिन इन दिनों वापस से इस मांग को बहाल करने का मुद्दा उठाया जा रहा है। 

संसद समिति की एक कमेटी के द्वारा रेल मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों के टिकट में 50% की छूट के लिए मांग की जा रही है। और इस को फिर से बहाल करने की मांग लोगों में जोरों से है। संसदीय समिति स्लीपर क्लास थर्ड एसी में बैठने वाले वरिष्ठ नागरिकों के टिकट किराया में छूट में बहाल के लिए ही यह कदम उठाया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

बीजेपी के सांसद राधामोहन की अध्यक्षता में रेल मंत्रालय संबंधित संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट में इस बात को रखा गया है। इस रिपोर्ट को संसद के दोनों सदनों में पेश किया गया। रिपोर्ट के अनुसार इस संसदीय समिति का मानना है कि भारतीय रेलवे 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों के किराए में 40% की छूट देता था। और महिलाओं की 58 साल की आयु होने के बाद उनको 50% की छूट मिलती थी। अगर रेल मंत्रालय वापस से इस मुहिम पर विचार करता है तो सीनियर सिटीजन को एक भारतीय रेलवे टिकट में छूट का मौका मिल जाएगा।

समिति का मानना है कि रेल मंत्रालय को कम से कम स्लीपर, क्लास थर्ड, एसी क्लास में भी छूट पर विचार करना चाहिए। अगर ऐसा रेल मंत्रालय करता है। इससे कमजोर और जरूरतमंद लोगों को भी इस छूट का पूरा लाभ मिलेगा।

रेल टिकट में सीनियर सिटीजन को यह सभी छूट मेल, एक्सप्रेस, राजधानी, शताब्दी, दुरंतो ट्रेन में मिलती आ रही है। ट्रेन टिकट के किराए में मिल रही छूट को covid 19 से रेलवे वापस बंद कर दिया। जिसकी लगातार मांग यह उठती जा रही है कि वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को वापस शुरू किया जाए।

अभी हाल ही में दिसंबर 2022 में रेल मंत्री ने इस बात को एकदम स्पष्ट कर दिया था कि टिकट किराया में मिलने वाली वरिष्ठ नागरिकों को छूट हेतु कोई बहाली नहीं मिलेगी। इसके पीछे उन्होंने यह कारण बताया कि रेलवे का पेंशन और वेतन बहुत ज्यादा है। रेलवे पर पहले से ही बहुत ज्यादा खर्चे का बोझ बना हुआ है।

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