PHOTOS: भारत का वो पड़ोसी देश, जहां कोई बेघर नहीं ना कोई रहता है भूखा, सबको हेल्थकेयर फ्री

भूटान हमारा ऐसा पड़ोसी देश है, जहां कोई बेघर नहीं है ना कोई भूखा रहता है. भूटान सरकार सबके मुफ्त इलाज और स्वास्थ्य का खर्च वहन करती है. उसे दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में गिना जाता है. आध्यात्मिक तौर पर काफी ऊंचा माना जाने वाला ये देश नेचर के काफी करीब रहता है और यहां की ज्यादातर आबादी गांवों में ही रहती है. भूटान के पास सेना है, लेकिन चारों ओर से घिरा होने की वजह से नौसेना नहीं है. इसके पास वायुसेना भी नहीं है और इस क्षेत्र में भारत उनका खयाल रखता है. यहां के अधिकांश लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं. ये लंबे समय तक अलग-थलग देश रहा है. 1970 में पहली बार किसी विदेशी पर्यटक को यहां आने की इजाज़त दी गई थी. अब भी अधिकारी विदेशी प्रभाव पर कड़ी नजर रखते हैं.

भूटान एक ऐसा देश है, जहां सरकार सबको रहने को घर देती है और भोजन की गारंटी देती है. इसीलिए इस देश में आपको ना तो कोई भिखारी मिलेंगे और ना कोई बेघर. हर किसी के पास अपना मकान है. यहां के लोग आमतौर पर खुशहाल जीवन गुजारते हैं. सबसे बड़ी बात ये भी है कि यहां आपका इलाज एकदम मुफ्त है. दवाओं का खर्च भी सरकार ही उठाती है. यहां कोई भूखा भी नहीं रहता. कुल मिलाकर इस मामले में ये देश एशिया का सबसे खुशहाल देश है.

इस देश में 2008 में लोगों की आंतरिक शांति का ख्याल रखने के लिए, सकल राष्ट्रीय खुशी समिति का गठन किया गया. यहां तक कि जनसंख्या जनगणना प्रश्नावली में एक कॉलम होता है, जहां आप बता सकते हैं कि आप अपने जीवन से संतुष्ट हैं या नहीं. यहां एक खुशी मंत्रालय भी है, जो सकल घरेलू खुशी को मापता है. यहां पर जीवन की गुणवत्ता उनके वित्तीय और मानसिक मूल्यों के बीच संतुलन से निर्धारित होती है.

भूटान में कोई सड़कों पर नहीं रहता. यदि कोई व्यक्ति अपना घर खो देता है, तो उसे राजा के पास जाना होता है, जो उन्हें जमीन का एक टुकड़ा देता है, जहां वे घर बना सकते हैं और सब्जियां पैदा कर सकते हैं. भूटानी लोग खुद को खुश मानते हैं और अपने जीवन से संतुष्ट रहते हैं. प्रत्येक भूटानी निवासी को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने का अधिकार है. भूटान में पारंपरिक और शास्त्रीय दोनों तरह की चिकित्सा आम है. एक व्यक्ति खुद ये करता है कि उसे किस विधि से उपचार कराना है.

भूटान पर्यावरण क्षेत्र में अग्रणी रहा है. प्लास्टिक की थैलियां वहां 1999 से ही प्रतिबंधित हैं. तंबाकू लगभग पूरी तरह से ग़ैरक़ानूनी है. क़ानूनन देश के 60% भाग में जंगल होने ही चाहिए. कमाल के प्राकृतिक दृश्यों और शानदार संस्कृति के बावजूद यह अब भी बड़े पैमाने पर पर्यटन से बचा रहा है और ऐसा जान-बूझकर किया गया है. वे बढ़ते पेड़ों पर भी विशेष ध्यान देते हैं. वैसे, 2015 में, भूटान ने एक विश्व रिकॉर्ड बनाया जब लोगों ने सिर्फ एक घंटे में 50,000 पेड़ लगाए.

वैसे अब भूटान में चीज़ें तेज़ी से बदल रही हैं. राजधानी थिम्पू में अब स्मार्टफ़ोन और कराओके बार आम हो गए हैं. युवा यहां आबादी में बहुतायत में हैं और उन्होंने सोशल मीडिया को आसानी से स्वीकार कर लिया है. इसकी वजह से वहां फैशन में उछाल आ गया है और राजनीति पर ज़्यादा खुलकर चर्चा हो रही है.

भूटान में, किसी विदेशी से शादी करना निषिद्ध है. राजा अपनी विशिष्टता और दुनिया के बाकी हिस्सों से अलगाव को संरक्षित करने के लिए वह सब कुछ करता है. हालांकि ये नियम वहां के राजा पर लागू नहीं होता. सभी आवश्यक अनुष्ठान किए जाने के बाद ही एक युगल परिवार बनता है. वहां यह नियम है कि पुरुष एक महिला के घर आता है और जब वह पर्याप्त पैसा कमाता है, तो वो उसे दूसरे घर में ले जा सकता है.

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