ज्ञानवापी मस्जिद में मिली शिवलिंग के मामले में हुआ वैज्ञानिक परीक्षण..! सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक…आज क्या हुआ इस मामले पर..

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की रचना का अभी तक वैज्ञानिक रूप से पूरी तरह से निरीक्षण नहीं किया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को रचना की प्राचीनता का पता लगाने के लिए आदेश दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह पहले लंबित मामले के साथ इस मामले को सुनेगा।

पिछले साल वाराणसी के निचली अदालत ने आदेश जारी किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे करने के बाद उस जगह पर शिवलिंग जैसी आकृति की रचना मिली। हिंदू पक्ष ने इस शिवलिंग को काशी विश्वनाथ मंदिर का मूल शिवलिंग माना, जबकि मुस्लिम पक्ष ने उसे अपना कहकर संबोधित किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से उस जगह की सील करने के आदेश जारी किए थे और शिवलिंग की रचना को सुरक्षित रखने के लिए आदेश दिए थे।

हिंदू पक्ष की ये है मांग

हिंदू पक्ष ने कोर्ट में यह मांग रखी थी कि इस शिवलिंग का वैज्ञानिक परीक्षण किया जाए, और इसके लिए वाराणसी के जिलाधिकारी ने सिफारिश की थी। लेकिन जिला न्यायाधीश ने इसका इनकार करते हुए कहा था कि ऐसा करने से इसकी रचना को नुकसान पहुंच सकता है और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ भी होगा।

हिंदू पक्ष ने जिला न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपनी याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर कर दी थी। 12 मई को हाईकोर्ट ने एएसआई को वैज्ञानिक परीक्षण के आदेश जारी किए थे। यह आदेश हाईकोर्ट ने एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर दिया था, जिसमें कहा गया था कि वैज्ञानिक परीक्षण से शिवलिंग को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।

मस्जिद कमेटी भी पहुंची हाई कोर्ट

ज्ञानवापी मस्जिद के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार मुस्लिम संगठन, अंजुमन इंतजाम या मस्जिद कमेटी, हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला किया। जब 3 जजों की बेंच में इस याचिका की सुनवाई शुरू हुई, तो तुरंत ही नोटिस जारी करने का फैसला लिया गया। मस्जिद कमेटी के वकील ने कहा कि परीक्षण सोमवार को शुरू होने वाला है। इसलिए इस आदेश पर रोक लगाना बहुत आवश्यक हो गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार के लिए भी जनरल तुषार मेहता ने आदेश को सावधानीपूर्वक देखने की आवश्यकता बताई। उन्होंने बताया कि सर्वे से पहले सभी विकल्पों का विचार करना सही होगा, जिससे कि शिवलिंग को किसी भी रूप में क्षति नहीं पहुंचे। इसके बाद चीफ जस्टिस ने हाईकोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन करने के लिए रोक लगा दी।


“इधर हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि एएसआई ने पहले ही वैज्ञानिक तरीके से शिवलिंग की निरीक्षण की बात कह दी है। हमें सुप्रीम कोर्ट को पहले उस रिपोर्ट को देखना चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि जरूरत पड़ने पर हम एएसआई से रिपोर्ट का अनुरोध करेंगे, लेकिन अभी तक हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई गई है।”

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