प्रतिदिन पति और पत्नी को करने चाहिए यह जरूरी काम
माना जाता है कि किसी भी काम को एक साथ मिलकर करना सही होता है। वह काम आसानी से हो भी जाता है। चाणक्य नीति में कुछ इस तरह के काम के बारे में बताया गया है। जिनको पति और पत्नी को हमेशा अलग-अलग करना सही होता है।
पति पत्नी साथ मिलकर इन सभी कामों को अगर करते हैं तो इनको बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं चाणक्य नीति के अनुसार ऐसे कौन से वो तीन काम है जिनको कभी नहीं करनी चाहिए।
एक साथ ना करें तप
चाणक्य नीति कहती है कि पति और पत्नी एक साथ बैठकर पूजा अर्चना या तपस्या करते हैं तो दोनों का साथ बैठकर यह सब करना सही नहीं है तपस्या के माध्यम से आप अपने किसी लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं तो आप दोनों के मार्ग में यह अवरोध पैदा कर सकता है एक साथ तपस्या करना दोनों के ध्यान को भी भटकाता है।
एक साथ ना करे पढ़ाई
चाणक्य नीति में बताया गया है कि एक साथ बैठकर किसी को भी पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। यदि 2 लोग एक साथ बैठकर एक ही स्थान पर विद्या अध्ययन कर रहे हैं। इससे आपकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा। क्योंकि दोनों का ध्यान भटकना स्वभाविक है।
चाणक्य नीति के अनुसार एक साथ दो लोगों को या दो से अधिक लोगों को बैठ कर पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। यहां पर पति पत्नी को साथ बैठकर पढ़ाई करने के लिए भी मार्ग में अवरोध पैदा करने जैसा है। क्योंकि एक साथ बैठकर दो लोग परस्पर पढ़ाई नहीं कर सकते है।
कभी एक साथ आमने-सामने ना बदले कपड़े
कभी भी स्त्री या पुरुष को एक दूसरे के सामने कपड़ों को नहीं बदलना चाहिए। चाणक्य ने बताया कि इस तरह की किसी भी लड़की या महिला को नहीं देखना चाहिए। जो लड़की अपने कपड़े बदल रही है या फिर कपड़े ठीक कर रही है। क्योंकि ऐसा करने से आप अपनी दृष्टि में गलत विचारों को भी प्रकट कर सकते हैं।
दोनों को मिलकर करने चाहिए साथ में यह काम
आचार्य चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी को कभी भी घर में किसी तरह का मतभेद लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए। इस तरह की किसी के साथ कुछ परिस्थिति आ जाए तो उस स्थिति में आप को अकेले घर से बाहर किसी से झगड़ा करने के लिए नहीं जाना चाहिए। किसी कारण बस आपकी किसी से लड़ाई हो जाती है तो आप अकेले लड़ाई करके ना जाए अपने साथ किसी ना किसी को लेकर जाए।